दूरदराज के लोगों को अब आनलाइन मिलेंगे राजस्व प्रमाणपत्र

जागरण संवाददाता कठुआ जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को डिजिटल सुविध

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:37 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 06:37 AM (IST)
दूरदराज के लोगों को अब आनलाइन मिलेंगे राजस्व प्रमाणपत्र
दूरदराज के लोगों को अब आनलाइन मिलेंगे राजस्व प्रमाणपत्र

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को डिजिटल सुविधा से आनलाइन राजस्व प्रमाण पत्र प्राप्त जारी करने की पहल में मंगलवार को जिले की वेबसाइट पर लिंक शुरू किया गया। इसका उद्घाटन डीसी राहुल यादव ने किया है। उस लिक में जाकर कोई भी अब घर बैठे ही राजस्व प्रमाणपत्र हासिल कर पाएगा। इससे अब जिले के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय पर आकर ऐसे प्रमाणपत्र बनवाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। लिक से सात राजस्व प्रमाण पत्र सेवाओं का शुभारंभ करते हुए इसे जनसेवा के रूप में समर्पित किया। सात प्रमाणपत्र जो आनलाइन जारी होंगे, उनमें आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र, ओबीसी/आरबीए/एएलसी प्रमाण पत्र, चरित्र और आश्रित प्रमाण पत्र शामिल हैं। डीसी ने आनलाइन सेवाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि ये सेवाएं कठुआ जिले की सभी 11 तहसीलों कठुआ, हीरानगर, बसोहली, बनी, बिलावर, रामकोट, डिगा अंब, मढ़ीन, नगरी परोल, महानपुर और लोहाई मल्हार में उपलब्ध होगी। इसमें पूरे जिले के नागरिक अब किसी भी प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन कर डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र आनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। उम्मीदवारों को उस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा जिसका लिक कठुआ जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध है। शुरू की गई सेवाओं का विवरण देते हुए जिला प्रौद्योगिक सूचना विज्ञान केंद्र के किरण कुमार कौल ने कहा कि पंजीकृत उपयोगकर्ता को वांछित प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र भरना होगा और इसे पोर्टल पर जमा करना होगा। जमा किया गया आवेदन पत्र संबंधित तहसीलदार के कार्यालय में स्वत: उपलब्ध होगा, जो उचित प्रक्रिया के बाद आनलाइन सेवा को अनुमोदित करेगा। अनुमोदन के बाद आवेदक को पंजीकृत ईमेल पते पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र प्राप्त होगा। इसे बाद में डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदक अपने आवेदन की आनलाइन स्थिति की जांच कर सकता है। दस्तावेज की वास्तविकता का पता लगाने के लिए डिजिटल रूप से जारी किए गए प्रत्येक दस्तावेज पर क्यूआर कोड के साथ एक यूआरएल उत्पन्न होता है। इस मौके पर एडीडीसी पुनीत शर्मा, एडीसी अतुल गुप्ता, सहायक आयुक्त राजस्व. रजिस्ट्रार सुरेश चंद्र, नारायण दत्त शर्मा, तहसीलदार मुख्यालय सुनिदरजीत कौर, तहसीलदार गौरव शर्मा मौजूद थे।

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