कार्यालय में पहले दिन ही डीडीसी चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के बीच कुर्सी को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा
सबसे हैरानी वाली बात ये है कि जब बबलू की चेयरमैन से बहस हो रही थी तो वहां मौजूद डीडीसी सदस्य पहले तो चुप रहे बाद में जब पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करने का प्रयास किया तो कुछ सदस्य बीच में पड़ गए।
कठुआ, राकेश शर्मा: अनुशासन एवं निस्वार्थ राजनीति करने में अपनी पहचान रखने वाली भाजपा के चुने गए प्रतिनिधियों को उस समय आपस में मात्र कुर्सी की अदला बदली को लेकर भारी हंगामा करते देखा गया,जब सोमवार लखनपुर में पहले दिन ही डीडीसी चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के नये कार्यालय का शुभारंभ होना था।
देखते ही देखते वहां कार्यालय खुलने का खुशी का माहौल जिला में दो चुने गए मुख्य प्रतिनिधियों के बीच एक दूसरे पर चापलूसी और राजनीति में परिपक्कव नहीं होने के आरोप लगाने से तनातनी के बीच बदल गया। हालांकि किसी तरह से वहां मौजूद वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों ने शांत करने का प्रयास किया,लेकिन जो कुछ भी मीडिया के समक्ष वहां हुआ,उससे साफ जाहिर हो गया है कि वाइस चेयरमैन रघुनंदन सिंह बबलू पार्टी द्वारा आम राय से चुने गए चेयरमैन को उक्त पद के लिए अभी पूरी तरह से योग्य नहीं होने की बात सब के सामने कह गए।
इस हंगामे के दौरान जिला के दो प्रमुख अधिकारी डीसी एवं एसएसपी,जो प्रोटोकाल में चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन के काफी नीचे हैं,भी मौजूद रहे,हालांकि मामला राजनीति वर्चस्व का होने के चलते वो कुछ भी नहीं बाेले और वहां से माहौल को देखते हुए एक साइड में हो गए,लेकिन भाजपा के जिला के दो प्रमुख चुने गए प्रतिनिधियों के बीच जो कुछ हुआ है,उससे भाजपा की जिला स्तर पर आतंरिक फूट उजागर हो गई।इसके साथ ही बबलू के चेयरमैन पर लगाए गए आरोप पार्टी में चापलूसी भी हॉवी होने का भी संदेश दे गए।
अब चेयरमैन ने किस मामले में चापलूसी की,ये तो बबलू ही बता सकते हैं,क्योंकि उन्होंने चेयरमैन पर सीधा ये आरोप लगाया।जिससे कई मायने राजनीति मेेंं अपनी पार्टी के ही कई अनुभवी नेता निकाल रहे हैं,आखिर ये इशारा किस नेता पर था कि वो किसकी चापलूसी कर रहे हैं और ये भी तय है कि अब आने वाले समय में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के बीच तालमेल से काम करने की उम्मीद कम ही दिखेगी,क्योंकि दोनों अलग-अलग क्षेत्र के होने पर किसी न किसी मुद्दे पर टकराते ही रहेंगे।
हंगामे की शुरूआत चेयरमैन द्वारा वाइस चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने को लेकर हुई: लखनपुर में पहले दिन ही खोले गए कार्यालय में हंगामे की शुरूआत चेयरमैन द्वारा वाइस चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने को लेकर हुई,जैसे ही वाइस चेयरमैन बबलू ने चेयरमैन को उनकी चिन्हित की गई कुर्सी पर बैठने के प्रयास करते देखा तो वो आग बबूला हो गए,क्योंकि चेयरमैन की कुर्सी दूसरे कमरे में चिन्हित थी,वो वहां बैठने की बजाय बबलू की कुर्सी पर बैठने के लिए आ गए,इसी को बबलू ने चेयरमैन की राजनीति में परिपक्क्वता नहीं होने को लेकर हंगाम कर दिया,हालांकि चेयरमैन ने इसे गलती से ऐसा होने की बात भी कही,लेकिन बबलू नहीं माने और उन पर ऐसा जानबूझ कर करने का आरोप लगाते हुए और भी कई तरह के आरोप जड़ गए।सबसे हैरानी वाली बात ये है कि जब बबलू की चेयरमैन से बहस हो रही थी तो वहां मौजूद डीडीसी सदस्य पहले तो चुप रहे, बाद में जब पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करने का प्रयास किया तो कुछ सदस्य बीच में पड़ गए।
चेयरमैन को दूसरी बार लगा झटका: इससे पहले हीरानगर में ब्लॉक दिवस पर उप राज्यपाल की उपस्थिति भी चेयरमैन को कुछ ऐसा ही झटका लगा था,जब वो वहां हीरानगर क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित होने पर सिर्फ बसोहली क्षेत्र की समस्याएं गिनाने लगे थे,वहां पर उस समय कांग्रेस के हीरानगर के पार्षद राजीव गुप्ता एवं काेटपुन्नू के सरपंच विनय शर्मा ने हंगामा कर दिया और कार्यक्रम में अपनी कुर्सी से उठकर तब तक उनके संबोधन पर आपत्ति जताते रहे जब तक चेयरमैन को मंच से हटने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ा, उस समय हालांकि हीरानगर के भाजपा नेताओं ने भी चेयरमैन द्वारा सिर्फ हीरानगर ब्लॉक दिवस पर हीरानगर की समस्याएं गिनाने की बजाय बसोहली आदि की सुनाने पर आपत्ति जताई,उस समय भी बबलू को मंच पर जाकर चेयरमैन को कुछ बताना पड़ा था,उसके बाद डीडीसी हीरानगर के सदस्य अभिनंदन को मंच पर जाकर खुद हीरानगर की समस्याएं रखनी पड़ी थी,जब कि शर्मा का संबोधन सूचि में नाम शामिल नहीं था।