अब बाजरा तेजी से विश्व स्तर पर बन रहा पसंदीदा

शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी जम्मू के ं कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि बाजरा कभी गरीब लोगों के लिए प्रमुख अन्न माना जाता था लेकिन कठोर और शुष्क वातावरण में पनपने की क्षमता के कारण जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोगों के बीच अब तेजी के साथ विश्व में पसंदीदा बन रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 02:08 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 02:30 AM (IST)
अब बाजरा तेजी से विश्व स्तर पर बन रहा पसंदीदा
अब बाजरा तेजी से विश्व स्तर पर बन रहा पसंदीदा

जागरण संवाददाता,कठुआ : शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी जम्मू के ं कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि बाजरा कभी गरीब लोगों के लिए प्रमुख अन्न माना जाता था, लेकिन कठोर और शुष्क वातावरण में पनपने की क्षमता के कारण जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोगों के बीच अब तेजी के साथ विश्व में पसंदीदा बन रहा है। उन्होंने कहा कि इफको के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के लिए पोषण वाटिका और पौधारोपण अभियान शुरू करेगा।

प्रो. जेपी शर्मा कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ में शुक्रवार को पोषण वाटिका और पौधारोपण अभियान का आइसीएआर की ओर से लाइव वेब कास्टिग कार्यक्रम को आनलाइन संबोधित कर रहे थे।

शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी जम्मू के ं कुलपति प्रो. जेपी शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री ने भाग लिया और किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विशाल महाजन कहा कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने 2023 को बाजरा के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसमें बाजरा भी एक अनाज है, जो मुख्य रूप से विकासशील देशों में कुछ समय पहले तक उगाया और खाया जाता था। उन्होंने कहा कि सूखा प्रतिरोधी गुणवत्ता बाजरा को आकर्षक बनाता है, क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की आपूर्ति की कमी का अहसास होने लगा है। इसके अलावा, उन्होंने बाजरा की आकर्षक वृद्धि विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह उपलब्ध सबसे पौष्टिक और एंटी-एलर्जेनिक अनाज में से एक है। बाजरा लस मुक्त है, जो इसे दुनिया भर के उन लाखों लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है जो सीलिक रोग से पीड़ित हैं या ग्लूटेन संवेदनशीलता रखते हैं। यह बी विटामिन बी, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, जस्ता, मैग्नीशियम, वसा में उच्च है और यह प्रोटीन और आहार फाइबर का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है।

इस अवसर पर रघुबीर सिंह, बीडीसी अध्यक्ष, कठुआ, डॉ अजय कुमार, डॉ आशु शर्मा, विजय सिंह, भारत भूषण, पंकज मेहरा, राजकुमार, विद्या सागर शर्मा, शशि पाल और अन्य प्रमुख नागरिक और किसान उपस्थित रहे।

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वर्ष 2021 में बाजरा फसल का उत्पादन बढ़कर 176 लाख टन हुआ

जिला विकास परिषद कठुआ के उपाध्यक्ष रघुनंदन सिंह ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बाजरा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। देश ने 2018 में बाजरा के राष्ट्रीय वर्ष के रूप में भी मनाया और बाजरा को अद्वितीय पहचान देने वाले पौष्टिक अनाज के रूप में अधिसूचित किया। नतीजतन, भारत में बाजरा उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 में 164 लाख टन से 2020-21 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में बढ़कर 176 लाख टन हो गया है। उन्होंने विशेष रूप से कंडी क्षेत्र के किसानों के कल्याण के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ के प्रयासों की सराहना की।

बच्चों, किशोरियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लाभदायक

कृषि विभाग के जिला विस्तार अधिकारी राजू महाजन ने बच्चों, किशोरियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार के लिए केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम पोषण अभियान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के दौरान जिले में जमीनी स्तर तक पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियां चलाई जाएंगी। वहीं रवींद्र कुमार शर्मा ने किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से किसानों के कल्याण के लिए लखनपुर नगर पालिका के साथ अधिक सहयोगात्मक कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया। डॉ. अनामिका जमवाल ने कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन करते हुए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

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