स्टे के बाद प्रधान और उप प्रधान के खिलाफ नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव

जागरण संवाददाता कठुआ नगर परिषद कठुआ के प्रधान नरेश शर्मा और उप प्रधान रेखा कुमारी के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:44 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:44 AM (IST)
स्टे के बाद प्रधान और उप प्रधान के खिलाफ नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव
स्टे के बाद प्रधान और उप प्रधान के खिलाफ नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, कठुआ : नगर परिषद कठुआ के प्रधान नरेश शर्मा और उप प्रधान रेखा कुमारी के खिलाफ 12 पार्षदों की ओर से गत 12 जुलाई को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष ट्रिब्यूनल द्वारा स्टे देने के बाद भी गतिरोध थमता नहीं दिख रहा है। वीरवार को फिर अचानक उन्हीं 12 पार्षदों ने पूर्व में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में पाई गई खामियों को दूर करते हुए नए सिरे से दोबारा पेश किया है। इस बार पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को नए नियम के अनुसार पहले प्रधान नरेश शर्मा को उनके कार्यालय में 12 पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र को सौंपा गया, उसके बाद सीईओ को उनके कार्यालय में सौंपा गया। अपनी ही पार्टी के प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर कार्यालय पहुंचने वालों में वार्ड 7 के भाजपा पार्षद अनिरुद्ध शर्मा, वार्ड 15 के भाजपा के पार्षद रवींद्र पठानिया, वार्ड 17 से भाजपा के पार्षद जोगेंद्र कुमार के अलावा उनके साथ वार्ड 16 से परिषद में मात्र कांग्रेस की एक पार्षद पुष्पा देवी शामिल रहीं। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर उन सभी 12 पार्षदों के हस्ताक्षर थे, जिन्होंने पूर्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इसमें 7 भाजपा के, एक कांग्रेस की और 4 निर्दलीय शामिल हैं। खामियों को किया दुरुस्त : पठानिया

अविश्वास प्रस्ताव पत्र सौंपने के बाद रवींद्र पठानिया ने कहा कि उनके सहित 12 पार्षदों द्वारा पूर्व में 12 जुलाई को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में कुछ खामियां रह गई थीं। इसके चलते विरोधी दल को कोर्ट से स्टे मिलने का मौका मिल गया। नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाने के नियमों में नए बदलाव हुए हैं, जिसका उन्हें भी पता नहीं था और नगर परिषद कार्यालय के अधिकारियों को भी शायद पता नहीं था। अब नए नियम के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसमें सबसे पहले प्रधान को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है। उसके बाद सीईओ को, जबकि पहले ऐसा नहीं किया गया था। उन्होंने इससे पहले सीधे डीसी को सौंपा था, लेकन अब नियम के अनुसार प्रस्ताव लाया गया है। इस नियम में प्रधान को 7 दिन के भीतर बैठक आयोजित करनी है। अगर वो नहीं करते हैं तो उसके बाद सीईओ के पास तीन दिन का समय होता है, अगर वो भी नहीं करते हैं तो फिर उनके पास सीधा प्रस्ताव पास करने का अधिकार होता है। इसलिए अब दोबारा प्रस्ताव लाया गया है। इसमें उनका मुख्य मकसद प्रधान को कुर्सी से उतारना है और उतार कर ही रहेंगे। नया प्रधान उन 12 में से एक होगा

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अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले

भाजपा के सात बागी भी

भाजपा के बागी पार्षदों में अनिरुद्ध शर्मा, रवींद्र पठानिया, भुपेंद्र राज, जोगेंद्र कुमार, कर्ण सिंह, अजय कुमार, रेनु बाला के अलावा निर्दलियों में राजेंद्र सिंह बब्बी, वंदना अंडोत्रा, बलजीत सिंह, मीरा कुमारी एवं कांग्रेस की पुष्पा देवी शामिल हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल महाजन ने कहा कि आज फिर 12 पार्षदों ने उनकी पार्टी के प्रधान एवं उप प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इसमें भाजपा के 7 बागी शामिल हैं। इसके लिए किसी बागी भाजपा पार्षद ने पार्टी से कोई सलाह नहीं की और न ही सूचना दी है।

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