स्नोत गांव में तेंदुए ने बकरी को बनाया निवाला
संवाद सहयोगी रामकोट क्षेत्र में तेंदुए के बढ़ते हमले से लोगों में डर है। यहां तक कि शाम को
संवाद सहयोगी, रामकोट :
क्षेत्र में तेंदुए के बढ़ते हमले से लोगों में डर है। यहां तक कि शाम को जल्दी लोग कामकाज समेट कर घरों में लौट आते हैं। रात में बाहर निकलने में डरते हैं कि न जाने कब आसपास छिपा तेंदुआ हमला कर दे। वीरवार रात भी स्नोत गांव में तेंदुए ने एक बकरी को अपना निवाला बना लिया।
काह पंचायत में तेंदुए ने दो दिन में दो बकरियों को निवाला बना लिया। सरपंच दिनेश खजूरिया के अनुसार वीरवार रात पंचायत के स्नोत गाव में तेंदुआ मिर्जा बकरवाल के बाड़े से एक बकरी उठा ले गया। बुधवार रात भी तेंदुए ने मिर्जा के बाड़े से ही एक बकरी मार कर खा गया था। 2 दिन में तेंदुए ने मिर्जा की दो बकरिया मार दी हैं। इससे पहले भी तेंदुआ कई पशुओं को अपना निवाला बना चुका है। सरपंच ने बताया कि 2 साल पहले वन्यजीव विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए गाव में एक पिंजरा लगाया था। एक तेंदुआ पकड़ा भी गया था। उसके बाद विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की। 2 जनवरी को गलक पंचायत के चौन नाला गाव के पास धार रोड के किनारे एक मृत तेंदुआ पड़ा मिला था। उसके बाद 6 जनवरी को कस्बा रामकोट के वार्ड नंबर 1 धार रोड किनारे चलाडी के पास भी एक घायल तेंदुआ दिखाई दिया था, जो कि पकड़े जाने से पहले ही जंगल में घुस गया था। लोगों का कहना है कि यदि इन्हें इंसानी खून का चस्का लग गया तो क्षेत्र में लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा।
क्षेत्र में हर सप्ताह दो-तीन दिन कहीं न कहीं तेंदुआ देखा जा रहा है। बीते सोमवार को शाम को स्थानीय लोगों ने वार्ड नंबर 2 और 6 के बीच तेंदुए को बीच रास्ते में खड़ा देखा था। हालाकि लोगों को देखकर तेंदुआ रास्ते से हट गया। डर के कारण लोग बाहर निकलने के दौरान समूह में जाते हैं। 11 नवंबर 2019 को कस्बे पास के मकवाल पंचायत के गुलगेड़ा गाव में तेंदुए ने राह चलते एक बच्चे को हमला कर मार डाला था। लोगों ने प्रशासन से तेंदुए और जंगली जानवरों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने की माग की है।