नप प्रधान की कुर्सी को लेकर भाजपाइयों में खींचतान जारी

जागरण संवाददाता कठुआ प्रदेश व जिला इकाई को बिना विश्वास में लिए अपनी ही पार्टी के प्रधान क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:43 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:43 AM (IST)
नप प्रधान की कुर्सी को लेकर भाजपाइयों में खींचतान जारी
नप प्रधान की कुर्सी को लेकर भाजपाइयों में खींचतान जारी

जागरण संवाददाता, कठुआ: प्रदेश व जिला इकाई को बिना विश्वास में लिए अपनी ही पार्टी के प्रधान के खिलाफ एक साल में तीसरी बार अविश्वास लाने वाले भाजपाइयों में कुर्सी को लेकर एक बार खींचतान जारी है। नगर परिषद में कुल 21 पार्षद हैं।

जारी इस खींचतान में किसी विरोधी दल के नहीं, बल्कि अपने ही पार्टी के 7 बागी हुए पार्षद हैं, जो एक माह के दौरान दूसरी बार प्रधान नरेश शर्मा व उप प्रधान रेखा कुमारी के खिलाफ अविश्वास ला चुके हैं। विरोधी निर्दलीय एवं एक कांग्रेस पार्षद भाजपा के इन बागियों को पीछे से मांगे गए समर्थन देकर अपने स्वार्थ की पूर्ति करने का मौका भी पाने में लगे हैं, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव निर्दलियों ने नहीं, बल्कि भाजपा के पार्षद ही ला रहे हैं। हालांकि, पहली बार गत 12 जुलाई को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने में सफल नहीं हो पाए। ऐन मौके पर प्रधान नरेश शर्मा कोर्ट से स्टे लेकर आ गए। इससे उनकी कुर्सी हथियाने की साजिश सफल नहीं हो पाई। अब दूसरी बार नए सिरे से गत 29 जुलाई को फिर वही बागी पार्षद निर्दलियों के सहयोग से अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। अब देखना है कि इस बार भी उनके प्रयास सफल होंगे या नहीं।

उधर, नरेश शर्मा भी पार्टी के बागियों पर पूरी नजर रखे हुए हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों के हिसाब से फ्लोर टेस्ट के लिए 4 अगस्त आखिरी दिन है, अगर परिषद प्रधान बैठक नहीं बुलाते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले फिर सीइओ के पास भी जा सकते हैं,उ नके पास भी तीन दिन का इस पर फैसला लेने का समय होता है। ऐसे में प्रधान के पास अभी एक सप्ताह का समय है। अपनी ही पार्टी के बीच कुर्सी को लेकर जारी खिचतान के खेल पर प्रदेश व जिला भाजपा ने अब चुप्पी साध ली है। हालांकि, पहले तो बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था और प्रधान नरेश को ही समर्थन देने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन जब अविश्वास का समय आया तब भी वे बागी निर्दलियों के साथ 12 की संख्या में मजबूत दिखे और अब भी दिख रहे हैं, लेकिन भाजपा प्रदेश ने अभी तक उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियां सरेआम उजागर होने पर भी कार्रवाई नहीं की है। सिर्फ उनके पास अतिरिक्त जिम्मेदारियां छीन कर चेतावनी दी, लेकिन उन्हें उस चेतावनी का भी असर नहीं हुआ और वे अभी भी अपनी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे हैं।

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