धीरे-धीरे सब सामान्य हो रहा है, पर लापरवाही बिल्कुल न करें

जिले में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपाय के बाद भले

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:40 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:40 AM (IST)
धीरे-धीरे सब सामान्य हो रहा है, पर लापरवाही बिल्कुल न करें
धीरे-धीरे सब सामान्य हो रहा है, पर लापरवाही बिल्कुल न करें

जिले में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपाय के बाद भले ही परिणाम अब राहत वाले आना शुरू हो गए हैं। प्रकोप लगातार कम हो रहा है, लेकिन कोरोना अभी गया नहीं है। इसी के चलते प्रशासन ने सप्ताह में पहले पांच दिन गैर जरूरी सामान की दुकानों को खोलने की ही अनुमति दे रखी है। इसके बाद दो दिन का वीकेंड क‌र्फ्यू भी जारी है। अभी भी भीड़भाड़ वाले बाजार सहित कई अन्य संस्थानों को खोलने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा प्रतिदिन शाम 7 से सुबह 7 बजे तक कोरोना क‌र्फ्यू लागू है। प्रशासन द्वारा अभी भी कोरोना के प्रकोप को जिले में फैलने से रोकने के लिए उपाये एवं प्रबंध पहले की तरह किए जा रहे हैं। कौन से प्रबंध एवं उपायों पर प्रशासन काम कर रहा है और उसके क्या परिणाम आ रहे हैं। कोरोना की जिले में मौजूदा क्या स्थिति है, प्रशासन की ओर से लोगों को किस तरह की सतर्कता बरतने के लिए अभी कहा जा रहा है, इन सब मुद्दों पर दैनिक जागरण के संवाददाता राकेश शर्मा ने डिप्टी कमिशनर राहुल यादव से विशेष बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के अंश . जिले में कोरोना का प्रकोप काफी कम हुआ है। इसे कितनी बड़ी राहत माना जाए ?

पिछले कुछ दिनों से कोरोना के प्रकोप में काफी कमी आई है। निसंदेह कोरोना से बने चिताजनक माहौल भी कम हुआ है। इस समय प्रदेश में कठुआ पहला जिला है, जहां सबसे कम संख्या में यानि 158 सक्रिय कोरोना संक्रमितों की संख्या रह गई है, लेकिन इस राहत का यह मतलब नहीं कि हम अब लापरवाह हो जाए और बिना एसओपी की पालना किए कहीं भी घूमने निकल पड़े। ऐसे हालात में जब कुछ मार्केट में दुकानें खुल रही हैं तो और भी सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना कम जरूर हुआ है, लेकिन गया नहीं है, इसलिए अब और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में बंद थे, तब सुरक्षित थे। अब दुकानें खुलने से बाहर भीड़ में जाने लगे हैं। ऐसे में कब कहां पर किसी संक्रमित के संपर्क में आ सकते हैं, इसलिए अभी पूरे एहतियात बरते और एसओपी की पालना करें। . जिले में इस समय कोरोना महामारी की क्या स्थिति है ?

- जिले में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 97 फीसद हो गया है, जो काफी राहत देने वाला है। सबसे बड़ी राहत बीते एक सप्ताह में एक भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। जीएमसी सहित जिले के दूसरे कोरोना अस्पतालों में दाखिल कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट रहे हैं। जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसी में अब कुल 8 कोरोना मरीज ही भर्ती हैं, इसके साथ अन्य अस्पतालों, जिसमें निजी ऐके गुप्ता अस्पताल भी शामिल है, में कुल 18 कोरोना मरीज ही उपचार ले रह हैं। इसके अलावा 15 के करीब कोविड केयर सेंटरों में उपचार ले रहे हैं

. कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए अभी और क्या क्या कदम उठाये जा रहे हैं?

-जिले में प्रशासन द्वारा अभी भी कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए सभी उपाए एवं प्रबंध किए जा रहे हैं। इसमें मुख्यत: वैक्सीनेशन पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। जिले के उन पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां कुछ दिन पहले लोग वैक्सीन लेने के लिए आगे नहीं आ रहे थे, वहां प्रशासनिक अधिकारियों ने खुद जाकर जागरूक किया। पंचायत प्रतिनिधियों सहित कुछ अन्य संगठनों ने भी इसमें सहयोग दिया, जिसका परिणाम यह है कि अब वहां भी लोग वैक्सीन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। वैक्सीन ही कोरोना को मात देने का मुख्य हथियार है। जिले में इस समय 45 से उपर उम्र के 77 फीसद लोग कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं, जिसे 100 फीसद करने के लिए लगातार अभियान जारी है। इसके अलावा अब 18 से 44 उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया गया है। इसमें विभिन्न संगठनों से जुड़े फ्रंट लाइन में काम करने लोगों को पहले प्राथमिकता दी जा रही, जिन्हें कैंप लगाकर वैक्सीन दी जा रही है। इस अभियान में कहीं भी वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।

. जीएमसी के बाद सीएचसी अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटरों में भी आक्सीजन प्लांट व कंसेंटरेटर्स की सुविधा दी जा रही है? -कोरोना महामारी के जारी प्रकोप में कठुआ जिला आक्सीजन उत्पादन उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसी में 2250 एलपीएम की क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट स्थापित हो चुके हैं। इसके अलावा 750 और अतिरिक्त 1000 एलपीएम की क्षमता वाला पीएम केयर फंड से आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है, जिनकी मशीनरी और सामान पहुंच चुका है। इसके अलावा जिले के तीन सीएचसी हीरानगर, बसोहली एवं बनी में भी 500 एलपीएम की क्षमता वाले आक्सीजन के छोटे प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसमें बसोहली में लगने का काम शुरू हो गया है। इससे जिला में 5500 एलपीएम की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट हो जाएंगे। उसके साथ ही सभी 257 पंचायतों में बनाए गए पांच बेड की सुविधा वाले कोविड केयर सेंटरों में भी आक्सीजन कंसेंटरेटर्स की सुविधा दी जा रही है। अब तक 68 पंचायतों में कोविड केयर सेंटरों में आक्सीजन कंसेंटरेटर्स की सुविधा दी जा चुकी है। इसमें से पांच कंसेंटरेटर्स जहां के एक सामाजिक संगठन ने प्रशासन को डोनेट किए हैं। अब तक प्रशासन के पास पंचायतों के कोविड केयर सेंटरों के लिए 100 कंसेंटरेटर्स उपलब्ध हो चुके हैं, अन्य पंचायतों के कोविड केयर सेंटरों में भी कंसेंटरेटर्स जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे।

. जिला में इस समय बिजली की अघोषित कटौती से लोग परेशान है। प्रशासन द्वारा इसके लिए क्या उपाए किए जा रहे हैं?

- आज ही जिला में एक वर्कशाप में दौरा करके आए हैं, ताकि देखा जा सके कि वहां पर खराब और रिपयेर के अलावा तैयार और स्पयेर पड़े ट्रांसफार्मरों की क्या स्थिति है, वोल्टेज के उतार-चढ़ाव में सुधार करने के लिए भी विभाग को कदम उठाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। बिजली समस्या से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत करने के लिए प्रशासन द्वारा पांच मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। . कोरोना महामारी के दौरान विकास कार्याें की गति पर ब्रेक लग गई थी, अब क्या स्थिति है?

- जिले में विकास कार्यो को पूरी गति देने के लिए पहले से ही विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। विकास की गति को जारी रखने के लिए पहले से ही उपराज्यपाल ने विशेष निर्देश जारी किए हैं, जिसके चलते सभी जगह विकास कार्य जारी है।

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