अंग्रेजी नववर्ष में सिर्फ कैलेंडर बदलने के सिवाये कुछ नहीं: सुभाष शास्त्री

जागरण संवाददाता कठुआ अंग्रेजी नववर्ष जब आता है तो कैलेंडर के सिवाय कुछ नहीं बदलता पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 12:14 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 12:14 AM (IST)
अंग्रेजी नववर्ष में सिर्फ कैलेंडर बदलने के सिवाये कुछ नहीं: सुभाष शास्त्री
अंग्रेजी नववर्ष में सिर्फ कैलेंडर बदलने के सिवाये कुछ नहीं: सुभाष शास्त्री

जागरण संवाददाता, कठुआ: अंग्रेजी नववर्ष जब आता है तो कैलेंडर के सिवाय कुछ नहीं बदलता, परंतु जब विक्रमी हिदू नव वर्ष आता है तो मौसम में परिवर्तन आता है। सर्दी जाने लगती है, गर्मी आने लगती है, स्वागत में पेड़ों पर नव पल्लव फूल फल आने लगते हैं, नई फसलें आती है, नई कक्षाएं लगती हैं, व्यवसाय होता है। मंगलवार को श्री अखंड परमधाम अनाथ आश्रम में बैसाख संक्रांति के उपलक्ष्य में आयोजित सत्संग के दौरान प्रकृति व हिदू संस्कृति में नव वर्ष विक्रमी सम्वत की धार्मिक महत्वता से उपस्थित संगत को डुग्गर प्रदेश के महान संत सुभाष शास्त्री ने अवगत करवाया।

उन्होंने बताया की बैसाख सक्रांति 13 अप्रैल 2021 बैसाखी का पर्व है। विक्रमी सम्वत 2078 चैत्र प्रतिपदा और आज प्रथम नवरात्रा और हमें अपने हिदू धर्म का संवत्सर नहीं भूलना चाहिए, वर्तमान समय में अंग्रेजी साल प्रचलन में है, लेकिन हमें हिदू संस्कृति के अनुसार नव वर्ष मनाना चाहिए और एक दूसरे को बधाई देनी चाहिए, इससे आने वाली पीढ़ी को भी पता चलेगा अन्यथा वह अंग्रेजी को ही जानेगी। नया साल नवसंवत चैत्र प्रतिपदा प्रथम नवरात्र को मनाया जाता है, जैसे आज विक्रमी संवत 2078 और कृष्ण संवत 5257 है। शास्त्री ने बताया कि चैत्र प्रतिपदा के ब्रह्मा विष्णु का अवतार हुआ था, नवरात्र में नवमी पर श्री राम जी का अवतार हुआ था। धरती पर जो पहले फसलें बीजी गई, उनमें जौ थे, इसलिए नवरात्र में इसे बीजी जाती है। नया साल रात्रि में शोर फूहड़़ संगीत से नहीं मनाया जाता, बल्कि भौर में मौन, भजन व भेंटों के साथ मनाया जाता है, होटलों में मांस शराब से नहीं चरणामृत प्रसाद से मंदिरों में मनाया जाता है, वासना से नहीं, बल्कि उपासना, आराधना, साधना, जप, तप व्रत हवन पूजन, दान सत्संग आदि से हिदू नव वर्ष मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि नवरात्र में शारीरिक शक्ति बल मानसिक शक्ति, बौद्धिक शक्ति, अध्यात्मिक शक्ति, भक्ति प्रेम एवं विवेक शक्ति जागृत करने के लिए मां शक्ति की आराधना आवश्य करें। वैश्विक महामारी कोरोना की इस आपदा के अवसर में बदलें, नियमों का पालन करें, इसी से विश्व का कल्याण होगा। इससे पहले शहर के शिवनगर में बाबा बडभाग सिंह के देव स्थान पर संत सुभाष शास्त्री जी ने झंडा चढ़ाया।

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