सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन
संवाद सहयोगी हीरानगर रावी तवी सिंचाई नहर का पानी सूबे चक पंचायत के सात गावों में नहीं आने स
संवाद सहयोगी, हीरानगर : रावी तवी सिंचाई नहर का पानी सूबे चक पंचायत के सात गावों में नहीं आने से किसानों को धान की रोपाई करने में काफी परेशानी हो रही है। विभाग की लचर कार्यप्रणाली से नाराज किसानों ने सोमवार को सिंचाई विभाग के डिवीजनल कार्यालय के समक्ष रोष प्रदर्शन किया और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसान अपने साथ धान की पनीरी से लदा आटो लेकर भी आए थे और पनीरी कार्यालय के अंदर छोड़ दी।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे सरपंच राकेश खजुरिया ने कहा कि सूबे चक पंचायत के साथ गावों की 2000 एकड़ जमीन पर रावी तवी सिंचाई नहर के पानी से सिंचाई होती है। पहले पानी आ रहा था, जिसे देख किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी। अब पाच दिनों से पानी बंद है, जिन किसानों ने रोपाई की थी उनके पौधे सूख रहे हैं और जिन्होंने खेत तैयार कर पनीरी भी उखाड़ रखी थी। पानी नहीं होने की वजह से सूख रही है। उन्होंने कहा कि नहर में पानी है, लेकिन सुए बंद कर रखे हैं। कुछ स्थानों पर पानी खड्डों में बह रहा है। उन्होंने कहा कि वे सुबह से रावी तवी सिंचाई विभाग के कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक्सइएन, एईई समेत कोई भी अधिकारी यहा मौजूद नहीं।
किसानों का कहना है कि एक तरफ केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा करती है, दूसरी तरफ कृषि से संबंधित विभाग किसानों को कोई सहयोग नहीं कर रहे। डीजल महंगा होने की वजह से फसलों को लगाने का खर्चा बढ़ गया है। अब खेतों में पानी सूख जाने से उन्हें दोबारा खेत तैयार करने पड़ेंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर शाम तक पानी खेतों में नहीं पहुंचा तो मंगलवार को दोबारा कार्यालय का घेराव करेंगे।
मौके पर योगराज, राधेश्याम, रामलाल, जनक राज, अजय कुमार, दर्शन लाल व देवराज आदि भी मौजूद थे। इस संबंध में रावी तवी सिंचाई विभाग के एक्सइएन प्रदीप गुप्ता का कहना है कि वे एक बैठक में शामिल होने के लिए कठुआ आए थे। उज्ज दरिया में पानी कम होने की वजह से रावी तवी नहर में भी पानी कम होने से दिक्कत आ रही है। सूबे चक पंचायत के गावों में मंगलवार तक पानी पहुंचाने की कोशिश करेंगे। वहीं, एसडीएम राकेश कुमार का कहना है कि उन्हें भी पता चला था कि रावी तवी कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं है। जिलेदार किसानों की बात सुनने क्यों बाहर नहीं आया, इसकी जाच करेंगे।