मूंगफली, रेवड़ी, चिड़वा के स्टाल पर रही ग्राहकों की भीड़
जागरण संवाददाता कठुआ जिला में आज लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में मंगलवार शहर
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिला में आज लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में मंगलवार शहर के बाजारों में पारंपरिक मूंगफली, रेवड़ी, चिड़वा के स्टाल पर ग्राहकों की भीड़ रही। दुकानदारों ने भी पर्व पर होने वाली खरीदारी को देखते हुए पहले से ही दुकानों के आगे स्टाल सजा रखे थे,जहां पर ग्राहक अपनी पसंद की इस पर्व पर खाने वाले चीजें खरीद रहे थे। सर्दी के मौसम में खाने के लिए मूंगफली की हालांकि बाजार में रेहड़ियां पहले से ही लगी रहती है,लेकिन लोहड़ी पर इसे एक दूसरे को भेंट करने की परंपरा के चलते इसकी महत्ता बढ़ जाती है। इसमें मुंगफली के अलावा ड्राई फ्रूट आदि का भी अदान परदान किया जाता है। धार्मिक परंपरा के चलते लोहड़ी शुभ मानी जाती है। इसमें डुग्गर परंपरा के चलते बच्चों को मूंगफली, रेवड़ी, चिड़वा, पत्तासों एवं ड्राई फ्रूट के हार पहनाए जाते हैं। इसके अलावा जिन घरों में बच्चे का जन्म इसी वर्ष में हुआ हो या नई शादी हुई हुई हो,वो घरों वाले भी अपने आसपास पड़ोस में मूंगफली, रेवड़ी, चिड़वा, पत्तासों एवं ड्राई फ्रूट के अलावा फल आदि खुशी के रूप में बांटते हैं।
रात को लोग घरों एवं सार्वजनिक संस्थानों में परिवार के साथ लोहड़ी जलाते हैं और परिवार की खुशहाली की कामना करते थे, जिसमें कहा गया है कि हर साल लोहड़ी भी एक खुशी का त्योहार है। घर घर जाकर डुग्गर परंपरा के चलते लोहड़ी मांगने की परंपरा भी है,जो अब लुप्त हो रही है,अब कुछ गांवों में अभी भी इस परंपरा को जारी रखे हुए हैं। जिसमें गरीब परिवारों के बच्चे ही ज्यादा गली गली में जाकर लोहड़ी मांगते हैं। गांवों में तो रात को भी हिरण के वेश में बच्चे लोहड़ी मांगने जाते हैं,वो भी अब लुप्त हो रहा है। अब तो सोशल साइट पर ही लोहड़ी की शुभकामनाएं देने वाला त्योहार बन गया है या फिर परंपरा के अनुसार घरों में ही परिवार के साथ लोहड़ी जलाकर पकवान आदि तैयार करके इस पर्व की खुशी मनाई जाती है। शहर में लोहड़ी सिर्फ अपने परिवार तक सीमित है या फिर शुभकामनाओं के मोबाइल पर संदेश देने के लिए।