सोमवती अमावस्या पर स्नान करने वालों की भीड़ पर भारी पड़ा कोरोना संक्रमण

जागरण संवाददाता कठुआ जिलेभर में सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं ने अलग-अलग स्थानों पर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 12:05 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 12:05 AM (IST)
सोमवती अमावस्या पर स्नान करने वालों की भीड़ पर भारी पड़ा कोरोना संक्रमण
सोमवती अमावस्या पर स्नान करने वालों की भीड़ पर भारी पड़ा कोरोना संक्रमण

जागरण संवाददाता, कठुआ: जिलेभर में सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं ने अलग-अलग स्थानों पर पवित्र सरोवरों, बावलियों एवं नदियों में स्नान कर पुण्य कमाया। स्नान करने को लेकर सबसे ज्यादा संख्या इस बार श्रद्धालुओं की जांडी स्थित यामदग्नि गंगा में रही, जहां पर श्रद्धालु सुबह से स्नान करने के लिए पहुंच गए थे।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री परशुराम जी के पिता यामदग्नि ऋषि ने इस स्नान पर तपस्या की थी। इस बीच मिनी हरिद्वार कहे जाने वाले पवित्र ऐरवां तीर्थ स्थल पर भी सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। हालांकि, इस बार इस पवित्र स्थल पर ज्यादा भीड़ नहीं देखी गई, फिर भी सैकड़ों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे थे। सुबह तड़के ही श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचने शुरू हो गए थे। प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जहां पूजा अर्चना की, वहीं दान पुण्य भी किया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते भीड़ को सीमित रखने के लिए पुलिस ने पहले से ही प्रबंध किए थे। इसके अलावा बहते नदियों के पानी में भी लोगों ने स्नान कर पुण्य कमाया, जिसमें कई पवित्र पौराणिक बावलियों में भी स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों में भी सोमवती अमावस्या की विशेष पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में हाजिरी लगाकर विशेष पूजा एवं दान आदि भी किया।बता दें कि जिले से बड़ी संख्या में सोमवती अमावस्या पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु हरिद्वार भी गए हैं।

उधर, बिलावर में सोमवारी अमावस्या पर बिलावर में गंगा के नाम से प्रसिद्ध गुरुनाल की पवित्र बावलियों में लोगों ने स्नान कर डुबकी लगाई। दिनभर दान पुण्य के कार्यक्रम चलते रहे।

वार्ड 12 में स्थित टिल्ला पर छोटी गंगा के नाम से प्रसिद्ध गुरुनाल की पवित्र बावलियों में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। महिलाओं ने बावलियों में स्नान कर गंगा स्नान का महत्व पाया। सोमवारी अमावस्या पर बिलावर के बिल्केश्वर मंदिर मे भी बड़ी संख्या में शिव भक्तों का जमावड़ा प्रात: काल से ही लगना शुरू हो गया था। जैसे ही मंदिर के कपाट खुला शिव भक्त भगवान बिल्केश्वर पर जलाभिषेक करने के लिए कतार में लगने शुरू हो गए थे। लोगों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर मंगलमय भविष्य की कामना करते हुए भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। इसके अलावा पूरा दिन दान पुण्य के कार्यक्रम होते रहे। जगह-जगह भंडारा भी लगा, जहां लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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