हरे भरे पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना की मार

जागरण संवाददाता कठुआ सरकार के प्रयास और अपील के बाद भी कोरोना महामारी की दूसरी लह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 11:37 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 11:37 PM (IST)
हरे भरे पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना की मार
हरे भरे पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना की मार

जागरण संवाददाता, कठुआ: सरकार के प्रयास और अपील के बाद भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने गांवों को भी तेजी से अपनी चपेट में लेना शुरू का दिया है, इसमें सबसे चिता वाला कारण यह है कि आक्सीजन की भरमार वाले जिला के पहाड़ी क्षेत्र बनी, बसोहली और बिलावर, जहां लोग बीमार होने पर खुली और ताजी हवा यानि भरपूर आक्सीजन लेने आते थे, वहां भी अब कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

गत वर्ष कोरोना की लहर में आक्सीजन की जरूरत को लेकर इतनी मारामारी नहीं थी, लेकिन इस बार तो खासकर शहरी क्षेत्र में आक्सीजन की कमी से कई मरीज अस्पतालों में मर रहे हैं। ऐसे में जिस क्षेत्र में प्राकृतिक तौर पर आक्सीजन की भरमार है, वहां भी पाजिटिव मामले और मौतें होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। संक्रमितों को प्राकृतिक आक्सीजन से राहत नहीं मिल रही है। अगर हीरानगर ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो वहां पर अब तक 569 पाजिटिव मामले आ चुके हैं और 7 लोगों की मौतें भी हो चुकी है, जबकि अभी भी 461 सक्रिय कोरोना केस हैं।

569 में से मात्र अभी 108 ही स्वस्थ हुए हैं। जिले में कुल इस समय 1368 सक्रिय कोरोना मामले हैं, ऐसे में उसके मुकाबले, बिलावर, बसोहली, हीरानगर और बनी में कुल 902 सक्रिय कोरोना मामले हैं, यानि शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र से आधे सक्रिय मामले हैं। इस आंकड़े को देखकर साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी इस बार शहरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी तेजी से फैल रही है।

कठुआ शहर व आसपास क्षेत्र शहरों में मान लिया जाए कि वहां भीड़भाड़ ज्यादा होती है, दिन ब दिन विस्फोटक होती जा रही वाहनों की संख्या भी प्रदूषण कारण बनती जा रही है या फिर कंक्रीट की बनी इमारतें और कम पेड़ होना भी कारण हो सकता है, लेकिन जहां बिखरी हुई आबादी, गाड़ियों का शोर भी कम और चारों और हरीभरी वन संपदा हो, ऐसे में वहां भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इससे वहां के लोग भी चितित हैं और प्रशासन भी। हालांकि, डॉक्टर एवं सरकार का पक्ष इसके पीछे भी कारण संक्रमित व्यक्ति से ही फैलना मानता है। कब कोई स्थानीय व्यक्ति कहीं से भी यानि बाहर से संक्रमित से संक्रमण लेकर अपने क्षेत्र में आकर बांट दे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। लाकडाउन तो अभी मई से ही शुरू हुआ है, इससे पहले किसी भी क्षेत्र में लॉकडाउन नहीं था। सभी जहां मन कर रहा था, आ जा रहे थे, ऐसे में कब कोई कहां से संक्रमण लेकर आ जाए, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अक्सर देखा गया है कि कई ऐसे गांव है,जहां पर गत वर्ष कोई भी संक्रमण का मामला नहीं आया था, अबकी बार वहां कई लोग संक्रमित हो चुके हैं। बाक्स----

ग्रामीण क्षेत्र में कहां कितने पाजिटिव मामले--- कुल मौतें

बिलावर -250 सक्रिय पाजिटिव- 2 मौतें

-बसोहली-131 सक्रिय पाजिटिव- 2 मौतें

-हीरानगर-- 461 सक्रिय पाजिटिव-- 7 मौतें

-बनी--60 सक्रिय पाजिटिव - कोट्स---

लाकडाउन शुरू होने से पहले कुछ संक्रमित लोग गांवों में दूसरे संक्रमित राज्यों से संक्रमण लेकर घुस चुके थे, उस समय इतनी चेकिग नहीं थी। इससे संक्रमण गांवों में भी अब तेजी से फैल गया है। शुरू शुरू में लापरवाही हुई है, जिसके कारण गांवों में तेजी से कोरोना फैला। स्वच्छ वातावरण वाले क्षेत्र में कोरोना मामले बढ़ना चिताजनक है।

-डॉ. अशोक चौधरी, सीएमओ,कठुआ। कोट्स---

इस बार कोरोना संक्रमण का अटैक सीधा मरीज के फेफड़ों पर हो रहा है। ऐसी हालत में मरीज को प्राकृतिक आक्सीजन से राहत मिलने की बजाय अस्पताल में ही मशीन के जरिए तेजी से देने की जरूरत पड़ती है।

-डा. अंजलि नादिर भट्ट, प्रिसिपल, जीएमसी, कठुआ।

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