टोल से रोजाना लाखों की वसूली, फिर भी राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल

राकेश शर्मा कठुआ आज के युग में पहाड़ी सीमांत व ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें भी चमक गई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 05:24 AM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 05:24 AM (IST)
टोल से रोजाना लाखों की वसूली, फिर भी राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल
टोल से रोजाना लाखों की वसूली, फिर भी राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल

राकेश शर्मा, कठुआ: आज के युग में पहाड़ी, सीमांत व ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें भी चमक गई है, लेकिन प्रदेश को विभिन्न राज्यों से जोड़ने वाला एकमात्र लखनपुर-सांबा मुख्य नेशनल हाईवे का स्वरूप दिन ब दिन बिगड़ता जा रहा है।

हाईवे अथारिटी की लगातार अनदेखी की वजह से मार्ग जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। आलम यह है कि अथारिटी द्वारा उसे मरम्मत करवाने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है। परिणामस्वरूप खमियाजा वाहन चालकों सहित आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों और प्रतिदिन प्रदेश में आने वाले यात्री एवं पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि अथारिटी के पास रखरखाव एवं मरम्मत के लिए करोड़ों के फंड उपलब्ध हैं। कई स्थानों पर हल्की सी बारिश होते ही मार्ग तालाब का रूप धारण कर लेता है, जिससे यात्री वाहनों को गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर जरा सी भी सावधानी हटी तो दुर्घटना को न्यौता देने के बराबर है। इसके अलावा लगभग सभी पुलों की वर्षो से टूटी रेलिग और जगह-जगह भीड़भाड़ वाले चौक चौराहों में राहगीरों की सुरक्षा के लिए लगाई गई डिवाइडर में लोहे के ग्रिल तक टूट चुके हैं, जिसकी दोबारा मरम्मत तक नहीं करवाई जा रही है।

बहरहाल, प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में टोल चेक पोस्ट के पास बने सार्वजनिक शौचालय के बाहर बिना बारिश के भी सड़क तालाब का रूप धारण किए रहता है। दरअसल, बारिश के पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध तक नहीं हैं। इसके अलावा इसी प्वाइंट के थोड़ी दूरी पर कच्चा मार्ग है, जो रेलवे पुल के आगे तक ऐसे ही है। वाहनों के आवागमन से पूरा दिन वहां से धूल के गुब्बार उठते रहते हैं। इसके बाद थाना से लेकर म्यूनिसिपल कमेटी की हद खत्म होने तक हाईवे की बीच में एक लेन जब से हाईवे बना है, तब से कच्ची छोड़ दी गई है, उस पर तारकोल आज तक नहीं डाला गया। उबड़खाबड़ होने से अक्सर दुर्घटनाएं होती है। प्रदेश के मुख्य द्वार पर अगर ऐसी स्थिति है तो आगे क्या स्थिति होगी, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। बाक्स---

हटली मोड़ में मार्ग बारिश होने पर बन जाता है तालाब

जिला मुख्यालय के पास हटली मोड़ के पास दो लेन पर वर्षो से जलभराव की समस्या बनी हुई है, जिसका अभी तक समाधान नहीं किया गया है। कई बार स्थानीय लोग इसे लेकर अथारिटी के खिलाफ प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई कदम नहीं उठाये गए। आसपास के दुकानदारों के अलावा लोगों के घरों को जाने वाले मार्ग भी अथारिटी की लापरवाही से परेशान हैं। जरा सी बारिश होने पर वहां से हाईवे तालाब बन जाता है, लेकिन जमा पानी के निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं है और न ही अथारिटी करने को तैयार है। इसके कारण वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो जाती है। बारिश बंद होने के बाद भी कई दिनों तकपानी जमा रहता है।

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मार्ग पर पुलों की टूटी रेलिग की मरम्मत तक नहीं हो रही

उज्ज दरिया, मग्गर खड्ड, सहार खड्ड, तरनाह नाला, बेई नाले आदि में कई वषों से पुलो की टूटी रेलिग की आज तक मरम्मत नहीं की जा रही है। बार-बार जिला प्रशासन के अलावा हाईवे अथारिटी से लोग मांग कर रहे हैं, लेकिन अथारिटी के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है।

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जम्मू-सांबा मार्ग से प्रतिदिन अथारिटी वसूलती है 50 लाख टोल

हैरानी की बात यह है कि अथारिटी प्रतिदिन उक्त मार्ग पर दो टोल प्लाजा लगाकर प्रतिदिन 50 लाख रुपये भी वसूलती है। इसके बाद भी मार्ग बदहाल स्थिति में है। इसके अलावा लखनपुर जहां से कुछ जगह कच्चा मार्ग छोड़े जाने से धूल उड़ती है और वहां से म्यूनिसिपल कमेटी प्रतिदिन वाहनों से 50 हजार रुपये वाहन शुल्क के रुप में वसूलती है। इसके बाद भी मार्ग की मरम्मत नहीं कराई जाती है।

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हाईवे के किनारे मोहल्ला है, लेकिन मार्ग में पानी जमा होना मुसीबत बन गया है। स्कूल में बच्चों को छोड़ने के अलावा खुद भी कई बार वहां से आना जाना लगा रहता है। बार-बार मांग करने पर भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

-जोगेंद्र अत्ती, हटली मोड़ निवासी

कोट्स---

नेशनल हाईवे की अगर यह हालत है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि अथारिटी मार्ग के रखरखाव को लेकर कितना गंभीर है। यह समस्या दस साल से बनी है। आलम यह है कि न ही अथारिटी और न ही प्रशासन मार्ग को लेकर गंभीर है।

-धीरज शर्मा, हटली मोड़ दुकानदार कोट्स----

हाईवे पर हटली मोड़ में जलभराव की समस्या रोजमर्रा की लाइफ पर ब्रेक लगा दी है। घरों को जाने का वहीं मार्ग है, जो बिन बरसात भी अक्सर पानी से भरा रहता है। बरसात के दौरान तो घर जाना मुश्किल हो जाता है।

----राज कुमार गुरेज, हटली मोड़ निवासी कोट्स----

एक्सप्रेस और सिक्स लेन हाईवे बनाने के दावे करने वाली अथारिटी मौजूदा एकमात्र मार्ग की सुध तक नहीं ले रही है। ये तो आगे दौड़ पीछे चौड़ वाली कहावत उनके साथ चरितार्थ होने लगी है। बार- बार प्रदर्शन करने के बाद भी अथारिरटी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।

-मोहम्मद अशरफ, हटली मोड़ दुकानदार

हाईलाइट बाक्स-----अलग से कोट्स----

लखनपुर से सांबा तक के मार्ग पर कुछ स्पॉट ध्यान में आ चुके हैं, जिसमें हटली मोड़ और लखनपुर में जलभराव और पुलों की टूटी रेलिग व ग्रिल हैं। जल्द ही सभी की रिपेयर की जाएगी और मार्ग को सुगम बनाया जाएगा।

-वाईपीएस जॉरडनियां, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, नेशनल हाईवे अथारिटी जम्मू

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