चेक डैम बनाने का कार्य 15 वर्षो से अधर में
संवाद सहयोगी हीरानगर चेक डैम का निर्माण कार्य आज भी अधर में है जबकि बाढ़ नियंत्रण विभाग 15 स
संवाद सहयोगी, हीरानगर : चेक डैम का निर्माण कार्य आज भी अधर में है, जबकि बाढ़ नियंत्रण विभाग 15 सालों निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। हालात यह है कि इस पर खर्च किया गया करोड़ों रुपया भी बेकार साबित हो रहा है।
दरअसल, कंडी क्षेत्र में बारिश के पानी को जमाकर सिंचाई के लिए उपयोग में लाने के उद्देश्य से भेइया तथा गरासतूरा गावों के बीच जख खड्ड के बीच चेक डैम का निर्माण कार्य किया जा रहा है। क्षेत्र निवासी अश्विनी शर्मा, जगदीश राज, सुदेश कुमार, अशोक कुमार व दर्शन लाल का कहना है कि कंडी क्षेत्र में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या बनी रहती है। तालाब सूख जाने से जंगली जानवर भी गर्मियों में नीचले क्षेत्र में आ जाते हैं। पानी की समस्या के समाधान हेतु सरकार ने 2008 में हीरानगर के पेईया तथा गरासतूरा के बीच बहने वाली खड्ड में चेक डैम का निर्माण कार्य शुरू करवाया था, ताकि बारिश के पानी को डैम बना कर जमा किया जा सके। इससे सूख चुके जलस्त्रोत में भी जलस्तर बढ़ जाना था। उन्होंने कहा कि पहले चैक डैम के डेट नहीं बनने की वजह से काम कुछ साल तक रूका रहा, बाद में डैम में आई जमीन का किसानों को मुआवजा नहीं मिलने की वजह से रूका हुआ है। अब सरकार ने जमीन के मुआवजे की राशि भी जारी कर दी है। फिर भी काम मुकम्मल नहीं हो रहा। अब दो माह के बाद बरसात शुरू हो जाएगी। विभाग को आगे का काम जल्द खत्म करना चाहिए, ताकि बरसात में डैम में पानी जमा हो सके।
इस संबंध में बाढ़ नियंत्रण विभाग के एईई संजय बदान का कहना है कि चैक डैम के लिए चार करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। पहले जमीन का मुआवजा नहीं मिलने की वजह से काम रूका रहा, अब तीन करोड़ रुपये मुआवजा राशि मंजूर हुई है जो लैंड कलेक्टर के पास पड़ी है, जाच के बाद वितरित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आगे के बचे हुए काम को मुकम्मल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसने आगे का काम पूरा करने के लिए 1 करोड 37लाख का प्रपोजल बनाने को कहा था। इसमें बिजली तथा किनारे पर बाध बनाने थे। अभी तक फंड मंजूर नहीं हुआ है। जैसे ही होता है काम शुरू हो जाएगा।