बैंक्विट हाल व रेस्तरां मालिकों ने किया दूसरा विकल्प ढूंढना शुरू
राकेश शर्मा कठुआ करीब एक साल से जारी कोरोना महामारी के चलते भीड़भाड़ एकत्रित होने
राकेश शर्मा, कठुआ: करीब एक साल से जारी कोरोना महामारी के चलते भीड़भाड़ एकत्रित होने से जुड़े व्यवसाय ठप होने के कगार पर आ गए हैं। इसी के चलते कुछ व्यापारी अब इससे प्रभावित होने वाले व्यवसाय को दूसरे व्यवसाय में बदलना शुरू कर दिए। कोरोना महामारी में जारी पाबंदी के चलते इस समय सबसे ज्यादा बैंक्विट हॉल और रेस्तरां का धंधा प्रभावित हो रहा हैं। लगातार कुछ महीने को छोड़कर एक साल से एसओपी का पालना करना मालिकों के लिए अनिवार्य किया गया है। ऐसे में उनके व्यवसाय पूरी तरह से चौपट होने के कगार पर आ गए हैं। उन्हें अब डर है कि अगर कोरोना महामारी की तीसरी लहर भी आती है तो उनके ही व्यवसाय पर ज्यादा असर पड़ेगा। इसी के चलते बैंक्विट हॉल व रेस्तरां का व्यवसाय चलाने वाले व्यापारियों ने अभी ही से ही इसके विकल्प ढूंढना शुरू कर दिए।
जिला कठुआ मुख्यालय पर सबसे पुराने पेशेवर बैंक्विट हॉल एवं रेस्तरां का कारोबार चलाने वाले नरेंद्र तांगड़ी ने इसकी शुरूआत कर अब धीरे-धीरे इस धंधे से डायवर्ट होना शुरू कर दिया है। बुधवार को उन्होंने इसकी शुरुआत बैंक्विट हॉल कम रेस्तरां के एक हिस्से को बंद कर वहां पर इलेक्ट्रिक स्कूटी का शोरूम खोल लिया है। जिले में बैंक्विट हॉल एवं रेस्तरां व्यवसाय को दूसरे व्यवसाय में डायवर्ट करने की ये उनके द्वारा की गई शुरुआत है। उसका कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो उनके संपर्क में आने वाले इस धंधे से जुड़े अन्य लोग भी अपना दूसरा विकल्प ढूंढेंगे। कोरोना महामारी के कारण लगातार पड़ रही इस धंधे को लेकर उनकी अक्सर अन्य लोगों से भी बात होती रहती है, जो सब परेशान हैं, वे भी इस व्यवसाय का दूसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं। खासकर जिन्होंने अभी बैंकों से लोन लेकर इस धंधे की शुरूआत की थी, वे ज्यादा परेशान है।
बता दें कि जिले में कुल 45 बैंक्विट हॉल और दो दर्जन रेस्तरां हैं, जहां पर कोरोना वायरस के दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। प्रशासन भीड़भाड़ वाले समारोह होने वाले स्थानों पर पूरी नजर बनाए हुए है। इसी के चलते अभी भी शादी में सिर्फ 25 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है, जबकि दूसरी और गैर जरूरी समान की दुकानें औद्योगिक इकाइयां सहित अन्य व्यवसाय कोरोना काल में भी चल रहे हैं और जो थोड़े बहुत बंद थे वे भी अब धीरे-धीरे खोलना शुरू हो गए हैं, लेकिन बैंक्विट हॉल और रेस्तरां पर अभी भी पहले जैसी पाबंदी जारी है। ऐसे जारी आदेश के चलते कोई भी आने वाले समय में बैंक्विट हॉल में बुकिग करने से कई बार सोचेगा। जिन लोगों ने पहले से एडवांस बुकिग करवाई थी, उनमें से भी 70 फीसद लोगों ने रद करवा दी या फिर अन्य अन्य समारोह अगले कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दिए हैं। कोट्स---
अब यह कारोबार ठप होने के कगार पर दिख रहा है। बैंकों से लोन लेकर कई लोग कारोबार शुरू करने के बाद भी बेरोजगार हो गए हैं। मैने तो कई दशकों से बैंक्विट हॉल के साथ रेस्तरां भी खोल रखे हैं, खासकर उन लोगों ने जिन्होंने अभी दो-तीन साल में ही बैंक्विट हॉल खोले हैं उनको लिए बैंक की किश्त जो दूर ब्याज चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा। इसी के चलते उन्होंने भी अपना व्यवसाय का विकल्प ढूंढना शुरू किया है, जिसमें उन्होंने पहला स्कूटी का शोरूम खोलकर शुरुआत की है।
-नरेंद्र तागड़ी, प्रधान, बैंक्विट हाल एसोसिएशन, कठुआ।