'जो पूरे क्षेत्र को स्वच्छ बनाते हैं, उनका समाज में सबसे बड़ा योगदान'
जागरण संवाददाता कठुआ स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश
जागरण संवाददाता, कठुआ: स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जिन्होंने समाज में सबसे छोटी जाति के लोगों को सम्मान दिया। उनके पांव धोकर तौलिए से स्वयं हाथ साफ किए, उनके इस तरह के प्रयास से देश में जातपात, छुआछूत जैसी व्याप्त सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अच्छा संदेश गया है। वे सोमवार को श्री अखंड परमधाम नौनाथ घगवाल में आयोजित हरि कथा व संत समागम में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष प्रवचन कर रहे थे। गौर हो कि स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य भी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी धर्म में भी कहीं भी छोटा काम करने वालों से घृणा नहीं मानी गई है, ब्लकि समाज में वे स्वच्छता का काम करते हैं। वे भी इसी समाज और भगवान की रचि गई सृष्टि का एक अंग हैं। अगर वे सफाई यानि हमारे घर, गली, मोहल्ले या शहर से गंदगी हटा रहे हैं और स्वच्छता लाने का काम कर रहे हैं तो इससे बड़ा पुण्य का कोई काम नहीं हो सकता है। यदि वे ऐसा कर रहे हैं तो उनका कार्य और जाति छोटी कैसे, उनसे घृणा कैसे, समाज में व्याप्त इन सब भ्रातियां एवं बुराइयों को दूर करना है और उन्हें भी अपने समाज का बराबर का अंग मानना है, सम्मान देना है। ऐसा करने से देश में भाइचारा एवं एकता मजबूत होगी, जो कि इस समय देश की सबसे बड़ी जरूरत है।
परमानंद गिरी जी ने उदाहरण सहित बताते हुए कहा कि जैसे हमारे दो हाथ है, जिसमें हम एक बाए हाथ से अपनी गंदगी साफ करते है तो दूसरा खाने यानि भोजन करने के लिए रखते हैं लेकिन जब शुभ कार्य करना हो तो तब भी बायां हाथ ही आगे करते हैं, तब दाहिना हाथ पीछे रखते हैं और जबकि किसी की रक्षा करनी हो तब भी बायां हाथ सबसे पहले उठता है, ऐसा ही सफाई करने वाले भी हमारे समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जो इस समाज से गंदगी हटाते हैं और पूरे क्षेत्र को स्वच्छ बना रहे हैं। उनका इस समाज में सबसे बड़ा योगदान है और हम उनसे फिर भी घृणा करते हैं, ये सोच हमें बदलनी है और उन्हें इसी समाज में बराबर का दर्जा देना है। उन्होंने अपने प्रवचनों में ये भी कहा कि कई बार हम कल्पना करते हैं कि हम सबसे पहले आगे पहुंच कर मंजिल पा ली है, लेकिन जब हम वहां पहुंचते हैं तो हमसे पहले ही कई लोग वहां पहुंचे होते हैं। इसी तरह कई बार हम सोचते हैं कि हम अकेले ही रह गए हैं, लेकिन जब आसपास देखते हैं तो कई लोग अगल बगल में बैठे दिखते हैं। यह सब समझना और जानना है। इससे पहले नौनाथ आश्रम में पहुंचने पर संत सुभाष शास्त्री जी महाराज, पीयूष जी महाराज, संत गंगाधर शास्त्री जी महाराज, शाम शर्मा, गणेश शर्मा, गुरप्रकाश खजूरिया आदि ने बैंडबाजे व फूलों की वर्षा के साथ उनका स्वागत किया। हरिद्वार से स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज के साथ महामंडलेश्वर ज्योतिर्मनंद जी महाराज एवं महामंडलेश्वर साध्वी दिव्य चेतना जी भी थे।