लखनपुर में अन्य राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों पर नहीं हटी रोक

जागरण संवाददाता कठुआ कोरोना के कम हो रहे प्रकोप को देखते हुए रविवार को प्रदेश के मुख्य स

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 04:36 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 04:36 AM (IST)
लखनपुर में अन्य राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों पर नहीं हटी रोक
लखनपुर में अन्य राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों पर नहीं हटी रोक

जागरण संवाददाता, कठुआ: कोरोना के कम हो रहे प्रकोप को देखते हुए रविवार को प्रदेश के मुख्य सचिव की बैठक में इंटर स्टेट बसों के परिचालन शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिलने के कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को लखनपुर पहुंचते ही परेशानियों से दो चार पहले की तरह होना पड़ेगा। आलम यह है कि अपने सामान को लेकर बसें पहले की तरह ही बदलनी पड़ेगी, तभी गंतव्य स्थान तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, कोरोना के दोनों टीका लगवाने वाले यात्रियों को पहले की तरह जांच से राहत जारी रहेगा।

दरअसल, कोरोना के दूसरी लहर में कम हुए प्रकोप के बाद प्रदेश सरकार द्वारा अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों को डेढ़ साल बाद लखनपुर में रैपिड जांच से छूट देकर राहत तो प्रदान की गई है, लेकिन इंटर स्टेट बस सर्विस शुरू नहीं होने से फायदा नहीं मिल पा रहा है। आम यात्रियों को अभी भी लखनपुर तक अन्य राज्यों की बसों को आने की जारी अनुमति से आए दिन परेशान होना पड़ रहा है, जबकि जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य राज्यों में किसी भी सीमा पर ऐसी पाबंदी नहीं है। बिना जांच कराए प्रवेश की अनुमति की छूट सिर्फ उन लोगों को हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दो डोज ले ली है। एक डोज वाले को अभी भी लखनपुर में बिना कोरोना टेस्ट के प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन जिन्हें मिली है, उन्हें सामान्य बस से अन्य राज्यों से आने के बाद जम्मू तक सीधी सुविधा नहीं होने के कारण परेशानियां बरकरार है।

आम यात्रियों को अभी भी पंजाब से आने पर लखनपुर से पीछे पंजाब में ही जम्मू बाइपास पर उतरना पड़ रहा है और वहां से आटो आदि के माध्यम से लखनपुर तक आना पड़ता है। इसके एवज में आटो वाले एक से 5 किलोमीटर तक का किराया अपनी मनमर्जी से वसूल करते हैं, जितना वे पीछे बस में सौ किलोमीटर की यात्रा करने पर भी खर्च किए नहीं किए होते हैं। अगर कोई बस पीछे पंजाब में ही रुकने की बजाय लखनपुर तक आ भी जाती है तो उस बस को फिर जम्मू तक जाने की अनुमति नहीं होती है, भले ही बस में सवार यात्री कोरोना की दोनों डोज क्यों न लगवा लिए हो। बस को आगे जाने की अनुमति देने की बजाय वापस लखनपुर से पंजाब की ओर लौटा दिया जाता है। इससे यात्रियों को सामान सहित उतर कर दूसरी बस लखनपुर से जम्मू तक लेनी पड़ती है। इस दौरान सारा सामान एक बार फिर दूसरी बस में चढ़ाना (लोड) करना पड़ता है। इसमें कई महिलाएं बच्चों सहित सफर कर रहीं होती है, उनके पास सामान भी होता है, उन्हें ऐसी व्यवस्था में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। भले ही उसने कोरोना के दो डोज लगाने पर उसे रैपिड जांच से छूट मिली हो, फिर भी उसे बस बदलने की वजह से आधे से लेकर एक घंटा का समय बर्बाद होता है। प्रशासन की ओर से जारी इस व्यवस्था से परेशान यात्री उस समय मौके पर प्रशासन को कोसते देखे जाते हैं।

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एसी बसों को जम्मू तक जाने की अनुमति कैसे?

एक तरफ प्रशासन सामान्य बसों की इंटर स्टेट रूट पर जम्मू तक कोरोना पाबंदी के चलते जाने की अनुमति नहीं दी हुई है, वहीं वीडीओ, वाल्वो व एसी बसें सवारी लेकर रोजाना जम्मू तक जा रही हैं। ऐसे बस संचालकों के पास यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट की पूरी रिपोर्ट होने के साथ-साथ कोरोना वैक्सीनेशन के दोनों डोज होने का भी तर्क रहता है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि इंटर स्टेट बसों पर पाबंदी क्यों। बताया जाता है कि वीडीओ कोच बसों में सफर करने वाले यात्री आर्थिक रूप से संपन्न रहते हैं, जिनसे किराया भी उसी हिसाब से वसूला जाता है, कुछ यात्रियों से अपनी मनमर्जी से टिकट के पैसे यह कह कर वसूले जाते हैं कि उन्हें जम्मू तक ले जाया जाएगा और यह भी है कि वे जम्मू से भी इन लग्जरी बसों से दूसरे राज्यों में भी जा रहे हैं। यह क्रम अभी दो डोज छूट मिलने के बाद से नहीं बल्कि पहले भी जारी था। परेशानी अगर है तो आम लोगों को सामान्य बसों में आए दिन यात्रा करते हैं। बाक्स----

लखनपुर में 50 फीसद कोरोना जांच में आई कमी

प्रदेश प्रशासन ने जब से लखनपुर में कोरोना वैक्सीनेशन के दोनों डोज लगाने वाले यात्रियों को रैपिड जांच में छूट प्रदान की है, तभी से जांच कराने वाले यात्रियों की संख्या में 50 फीसद की कमी आ गई है। पहले 8 हजार के करीब यात्री रोजाना कोरोना जांच कराते थे, लेकिन अब चार हजार के आसपास रह गए हैं। कोरोना टेस्ट सेंटर पर अब पहले जैसी लंबी लाइनें नहीं लगी रहती है।

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