शाम ढलते ही रावी दरिया में सक्रिय हो जाता है पंजाब का खनन माफिया
राकेश शर्मा कठुआ रावी दरिया में अवैध खनन के खिलाफ आए दिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध
राकेश शर्मा, कठुआ: रावी दरिया में अवैध खनन के खिलाफ आए दिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बावजूद संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस कारण शाम ढलते ही पंजाब का खनन माफिया बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनें लेकर दरिया का सीना छलनी करने के लिए सक्रिय हो जाता है। इस अवैध धंधे का यह क्रम पूरी रात जम्मू कश्मीर व पंजाब की सरहद पर सरेआम चलता रहता है।
गत दिवस भी रावी रीवर एक्शन कमेटी के प्रधान व शिव सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र पाल शर्मा ने चक देविया गंडयाल में रात को किए गए भारी अवैध खनन की सुबह बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यकारी अभियंता से शिकायत की। हालांकि, शिकायत के बाद कार्यकारी अभियंता ने मौके पर जूनियर इंजीनियर व नायब तहसीलदार को जायजा लेने के लिए भेजा। प्रशासनिक टीम ने मौके पर पुलिस चौकी आफिसर शाम सिंह को भी बाढ़ नियंत्रण विभाग की सैकड़ों कनाल भूमि पर जारी अवैध खनन को रोकने के लिए सुरक्षा करने की मांग की। विभाग के कार्यकारी अभियंता ने पुलिस व राजस्व विभाग को रावी दरिया की भूमि पर अवैध खनन करने वालों पर कड़ी नजर रखने एवं मौके पर पकड़े जाने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और वाहनों को जब्त करने के निर्देश दिए। हालांकि, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं। नतीजा, वही पुरानी नीति पर संबंधित विभाग चुप्पी साधे हुए हैं।
गौर है कि रावी दरिया में गत वर्ष जो क्रशर अवैध खनन करते हुए बंद करा दिए गए थे, वे अब धीरे-धीरे शुरू हो चुके हैं। हैरानी इस बात की है कि रावी में खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, इसके बाद भी रात को खनन किया जाता है। आलम यह है कि 50 से 100 फीट गहराई में जाकर खनन किया जा रहा है। सरेआम रावी दरिया से खनन करके मीटिरियल से भरे सैकड़ों टिप्पर पंजाब की ओर बेचने के लिए जाते हैं। हालांकि पंजाब क्षेत्र में भी वहां की सरकार ने अवैध खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में अगर पंजाब सरकार के अधिकारी दवाब में आकर कभी कभार टिप्पर से भरे मीटिरियल को पकड़ने का प्रयास करते हैं तो चालक जम्मू कश्मीर से लाने की बात करते हैं, जिनके पास जिला खनन विभाग की मिलीभगत से पर्ची भी सुबूत के तौर पर होती है और अगर इधर कठुआ खनन विभाग के अधिकारी कभी कभार लोगों के भारी विरोध के चलते औपचारिक कार्रवाई करता है तो वे पंजाब क्षेत्र से मीटिरियल लाने की बात करते हैं या फिर उज्ज दरिया के एक क्षेत्र से, जहां पर सरकार ने खनन की अनुमति दे रखी है, लेकिन उसकी दूरी रावी दरिया से करीब 15 किलोमीटर है। बाक्स---
अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने वाले भी अब खुद शामिल
10 साल पहले स्थानीय किड़ियां गंडयाल पंचायत प्रतिनिधियों ने अवैध खनन की आवाज उठाई, वहीं आज खुद भी इसमें शामिल हैं। इतना ही नहीं, वे वहां स्टोन क्रशर भी लगा रखे हैं। इसके कारण अब वे अवैध खनन के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं। आलम यह है कि प्रशासन ने दरिया के किनारे भारी अवैध खनन से आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण सहित अन्य प्रभाव से बने खतरे को देखते हुए अभी भी क्रशर लगाने के लिए धड़ल्ले से अनुमति दे रहा है। इसके लिए मुख्य एनओसी की जिम्मेदारी पंचायत के सरपंचों को दे दी है, जो खुद भी वहां स्टोन क्रशर लगाकर इसमें शामिल हैं।
कोट्स--
रावी दरिया में रात के समय अवैध खनन सरेआम किया जा रहा है। गत दिवस बाढ़ नियंत्रण विभाग से शिकायत की गई तो उन्होंने मौके पर जूनियर इंजीनियर व नायब तहसीलदार को भेजा। इसके बाद उन्होंने वहां बड़े पैमाने पर हुए अवैध खनन को देखा, लेकिन मामला फिर ढाक के तीन पात, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
-महेंद्र पाल शर्मा, उपप्रधान, शिवसेना (बाल ठाकरे) कोट्स--
रावी दरिया में जिस तरह से बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है,उससे दरिया के किनारों को बड़ा नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय लोग भी उन्हें इस बने खतरे से आए दिन अगाह कर रहे हैं। गत दिवस भी प्रदेश शिवसेना के उपप्रधान ने शिकायत की, उसके बाद वहां टीम भी भेजी गई और पुलिस को भी सूचित किया गया है। अवैध खनन से बने खतरे को देखते हए विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता, जिला प्रशासन और जिला खनन अधिकारी को भी लिखित में रोकथाम के लिए कार्रवाई किए जाने को भेजा गया है।
- एफ आर भगत, कार्यकारी अभियंता, बाढ़ नियंत्रण विभाग, कठुआ