'संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति'

जागरण संवाददाता कठुआ संत सुभाष शास्त्री जी महाराज ने नगरी स्थित माता बाला सुंदरी मंदिर प्रा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:40 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:40 PM (IST)
'संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति'
'संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति'

जागरण संवाददाता, कठुआ: संत सुभाष शास्त्री जी महाराज ने नगरी स्थित माता बाला सुंदरी मंदिर प्रांगण में जारी श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन संगत से कहा कि संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति है कि उसका चित्त तीव्र भक्ति योग के द्वारा प्रभु में लगकर स्थिर हो जाए। बुराई छोड़ने का लाभ है, परंतु जो महापुरुषों के कहने पर तुरंत बुराई त्याग और अच्छाई को ग्रहण कर लेते हैं, बहुत बड़े लाभ को प्राप्त कर लेते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सबके स्वामी अंतर्यामी प्रभु का ध्यान भजन करना है तो सद्गगुरु की शरण में जाकर ज्ञानोपदेश तथा उनका आशीर्वाद लेकर अभी से भजन शुरू कर दें, आखिर फिर तुम्हें कब समय मिलेगा, काल की गति बड़ी विचित्र है जो कभी हरे भरे वृक्ष थे, वे सब अब सूखे हो गए और जलाने के लिए इंधन बन गए अब समय को मत गवाओ। शास्त्री जी ने कहा कि हम आपको बार-बार ब्रह्मज्ञानी संत महापुरुषों के सत्संग की महिमा सुनाते हैं, और बताते हैं कि इन सत्संगों का बड़ा लाभ है, ज्ञानी पुरुष पहले भी थे, आज भी है और आगे भी होते रहेंगे, मुनि वसिषु महाराज, जनकादि बहुत से ऋषि, ब्रह्मऋषि एवं राज ऋषि ब्रह्म ज्ञानी थे। श्री गुरु नानक, कबीर आदि ब्रह्म ज्ञानी हैं और यदि आप ब्रह्म बोध प्राप्त कर लें तो आगे आप भी ब्रह्मज्ञानी हो सकते हैं।

शास्त्री जी ने कहा कि ब्रह्म तो आप अभी भी है, ब्रह्म तो सभी में है, केवल ज्ञान होना ही शेष है, ब्रह्म ज्ञान हो जाए तो आप ब्रहम ज्ञानी अथवा ज्यों जाने कि हम ब्रह्म ज्ञान स्वरूप ही हैं असल बात यह है कि हम चाहते हैं आप स्वयं ब्रह्मज्ञानी आत्मज्ञानी हो जाएं, अप्प दीपो भव: आप स्वयं दीपक होकर प्रकाश फैलाओ। और स्थिति को प्राप्त करने के लिए पहली सीढ़ी है प्रभु चरणों से प्रीति लगाएं।

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