किसान बोले- जो जमीन सरकारी, वह हमारी है
संवाद सहयोगी हीरानगर सरकारी जमीन से बेदखली करने के विरोध में क्षेत्र के किसानों समेत वि
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सरकारी जमीन से बेदखली करने के विरोध में क्षेत्र के किसानों समेत विभिन्न संगठनों का धरना प्रदर्शन जारी है। सोमवार को अपनी पार्टी के जिला प्रधान व पूर्व विधायक प्रेम लाल व सचिव कनव खजुरिया के नेतृत्व में किसानों ने एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना देकर रोष जताया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि 'जो जमीन सरकरी है वह जमीन हमारी है' जैसे नारे लगाए।
इस मौके पर पूर्व विधायक प्रेम लाल ने कहा कि भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसान 70 वर्षो से सरकारी जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। अब जमीन खेती योग्य बनी तो उसका मालिकाना हक देने के बजाए उसे छीन रही है। 1947 के बाद सीमा पर जमीन जंगल थी, तब पाकिस्तानी झाड़ियों का लाभ उठाकर रात को पशुओं को चुरा कर ले जाते थे। तत्कालीन सरकार ने ही किसानों को जमीन आबाद करने की अनुमति दी थी। किसान गोलीबारी के बावजूद भी जमीन को आबाद करते रहे। इस दौरान गोलीबारी में पशु समेत कई लोग मारे गए। अब वर्तमान सरकार उसे छीन रही है। उनकी पार्टी किसानों के हक की लड़ाई लड़ेगी। अगर सरकार को जमीन खाली करवानी थी तो शहरों व कस्बों में भूमाफिया से करवानी चाहिए थी।
पार्टी के जिला महासचिव कनव खजुरिया का कहना है कि हीरानगर उपमंडल में कंडी तथा सीमावर्ती क्षेत्र में 40 हजार कनाल के करीब सरकारी जमीन है, जिस पर किसान खेती करते हैं। वर्तमान सरकार हाईकोर्ट की आड़ में जमीन खाली करवा रही है, ताकि किसान धरना प्रदर्शन भी नहीं करें। अगर सरकार किसानों की हितैषी है तो वे इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि सरकार 2014 से ही आम जनता को परेशान कर रही है। कभी नोट बंदी तो कभी जीएसटी लगाई, जिससे आम जनता को कोई लाभ नहीं हुआ। अब किसानो को मालिकाना हक देने के बजाए उनकी जमीन को छीन कर सड़कों पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी किसानों को उनका हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। आठ दिसंबर को पार्टी की बैठक होगी, जिसमें किसानों की समस्याओं को लेकर चर्चा होगी, जिसमें आगे की रणनीति भी बनाई जाएगी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार के तुगलकी फरमान के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें। अपनी पार्टी उन्हें पूरा समर्थन करेगी।
प्रदर्शनकारियों में शाम लाल, गणेश दास, गिरधारी लाल व मनोहर लाल आदि शामिल थे।