बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दे गई रामलीला

संवाद सहयोगी बसोहली शुक्रवार देर रात बसोहली में रामलीला के मंचन में रावण वध पूतलों को जला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 12:47 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:47 AM (IST)
बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दे गई रामलीला
बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दे गई रामलीला

संवाद सहयोगी, बसोहली: शुक्रवार देर रात बसोहली में रामलीला के मंचन में रावण वध, पूतलों को जलाना एवं राजतिलक की झाकी प्रमुख दृश्य रहे। मेघनाद और कुंभकरण जैसे बड़े योद्धाओं के मारे जाने के बाद जब रावण के पास कोई बड़ा योद्धा नहीं रहा तो वह पाताल लोक में ऐहीरावण के पास गया और उसे छल से राम व लक्षमण का वध करने को कहा।

ऐहीरावण ने अपनी माया जाल में सो रहे राम व लक्ष्मण को ले लिया और उन्हें उठाकर पाताल लोक ले गया। अपने मंत्री मकरध्वज को निर्देश दिया कि जब तक मेरी पूजा पूरी नहीं होती तब तक अंदर कोई आने ना पाए। राम व लक्ष्मण को अपने बीच में ना पाकर नल, नील संपाती आदि व्याकुल हो गए। उन्होंने विभीषण को सारी बात बताई कि सो रहे थे और राम व लक्ष्मण गायब हो गए। आसपास हर जगह उन्हें ढूंढा, मगर कोई पता नहीं चल रहा है। इस पर विभीषण ने बताया कि यह काम केवल ऐहीरावण ही कर सकता है।

पाताल लोक में हनुमान को भेजकर उन्हें ला सकते हैं। हनुमान पाताल लोक में गए तो एहीरावण द्वार पर उन्हें मकर ध्वज अंदर नहीं जाने दे रहे थे। इस पर उनके बीच युद्ध हुआ और पता चला कि वह हनुमान के पुत्र हैं। हनुमान ने बताया कि वह ब्रह्मचारी हैं, उनका पुत्र कैसे हो सकता है। मकर ध्वज ने बताया कि एक बार आप उड़ रहे थे और मेरी मा नहा रही थी, उस दौरान आपका पसीना पानी में पड़ा, जिसे उसने पी लिया उससे मेरा जन्म हुआ। हनुमान राम की सेवा में थे और मकर ध्वज अपने राजा की। हनुमान ने इसके बावजूद युद्ध किया, मकरध्वज को बाध दिया और एहीरावण के पास गए यहा पर वह राम लक्ष्मण की बलि देकर देवी को प्रसन्न करने जा रहा था। हनुमान ने एहीरावण को मारा और राम लक्ष्मण को लंका लेकर आए। इसके बाद रावण के बीच घोर संग्राम हुआ और रावण मृत्यु शैया पर पहुंच गए तो राम ने कहा कि लक्ष्मण रावण ज्ञानी और विद्वान थे, उनसे शिक्षा ग्रहण करो। रावण ने शिक्षा नहीं दी और लक्ष्मण वापिस आये तब राम ने बताया कि अगर शिक्षा ग्रहण करनी हो तो पैरों की तरफ खड़े होना होता है। रावण ने बताया कि पराई स्त्री को अपनी संपत्ति कभी न समझें, जिसने भी मर्यादा को पार किया उसका यही हाल हुआ। मगर एक बात है इस सारे प्रकरण में जीत मेरी हुई, मैं राम के हाथों मारा गया, मेरा पूरा परिवार बंधु वान्धव सब बैकुण्ठ पहुंचे। इसके बाद हनुमान ने रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पूतलों को आग लगाई। सीता को लाया गया और अग्नि परीक्षा के बाद उसे अपने साथ अयोध्या ले गए, यहा पर प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया गया। बाक्स---

रात को ही जलाए जाते हें पूतले

पूरे देश में रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण को सूर्य अस्त के समय जलाया जाता है, बसोहली रामलीला में आधी रात को पूतलों को जलाया जाता है। प्रधान चंद्रशेखर के अनुसार बसोहली में भी शाम को हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार छोटे पूतलों को जलाया जाता है, मगर पूरी रामलीला का मंचन करने के बाद बड़े पूतले जो बस को दिखते हैं उनको जलाया जाता है।

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