कंडी क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 4 लाख पौधे लगाने की योजना

जागरण संवाददाता कठुआ वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने कंड

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 04:38 PM (IST)
कंडी क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 4 लाख पौधे लगाने की योजना
कंडी क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 4 लाख पौधे लगाने की योजना

जागरण संवाददाता, कठुआ: वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने कंडी क्षेत्र में जल संरक्षण में वानिकी हस्तक्षेप की भूमिका पर जोर दिया।

जिले के दौरे के दौरान उन्होंने कंडी क्षेत्र में पानी की कमी को कम करने के लिए वन विभाग के विभिन्न विग द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के अधिकारियों की उच्च टीम, जिसमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ मोहित गेरा, मुख्य वन्यजीव वार्डन सुरेश कुमार गुप्ता, मृदा और जल संरक्षण विभाग के निदेशक डा. टीएस अशोक कुमार, मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार, ने आयुक्त सचिव के साथ गांव धामियाल, सतूरा, सैडा, सोआल, बजोका चक, चंदवां, हरिया चक, लच्छीपुर और जसरोटा वन्यजीव अभ्यारण्य का दौरा किया।

आयुक्त सचिव ने पानी की कमी वाले कंडी क्षेत्रों में जल संचयन संरचनाओं के निर्माण और रखरखाव के अलावा व्यापक वृक्षारोपण करने के लिए वन, सामाजिक वानिकी, मिट्टी और जल संरक्षण विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए जा रहे जल संरक्षण कार्यो के साथ वन विभाग के विभिन्न अंगों के प्रयासों को बढ़ाने और तालमेल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने हितधारक विभागों को चारा, जलाऊ लकड़ी और पानी की स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुउद्देशीय और तेजी से बढ़ती प्रजातियों के रोपण और जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लिए फ्रिज भूमि के विकास के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने वन भूमि के बाहर वृक्षारोपण बढ़ाने के लिए निर्देश दिए, ताकि प्राचीन वन क्षेत्रों पर दबाव कम किया जा सके। उन्होंने मौके पर संबंधित अधिकारियों को बताया कि वन विभाग अगले वित्तीय वर्ष में 47 तालाबों और बावलियों के निर्माण के साथ-साथ स्थानीय प्रजातियों के 3.35 लाख पौधे लगाकर कंडी पट्टी में 1365 हेक्टेयर गंभीर रूप से खराब वन क्षेत्रों का पुनर्वास करना चाहता है। आयुक्त सचिव ने मृदा एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा निर्मित प्रमुख तालाबों की प्रबंधन योजना तैयार करने तथा स्थानीय युवा मंडलों को उनके संरक्षण एवं प्रबंधन में शामिल करने के निर्देश दिए।

कंडी क्षेत्रों में जल संरक्षण में वानिकी हस्तक्षेप की भूमिका पर जोर देते हुए संजीव वर्मा ने वन और सामाजिक वानिकी विभाग को मौजूदा संरक्षित वन क्षेत्रों की परिधि में बफर प्लांटेशन बनाने का निर्देश दिया, जिसमें घास, बांस और चारे की प्रजातियां के पौधे को कहा, ताकि रोपण के माध्यम से इन जंगली वन परि²श्य से जैविक दबाव को दूर किया जा सके। उन्होंने हरिया चक वन नर्सरी का जायजा लेते हुए वन एवं सामाजिक वानिकी विभागों के अधिकारियों को वन नर्सरी में पीपल, बरगद, पलाश और बेलपत्र जैसी स्थानीय प्रजातियों को उगाने के निर्देश दिए। उन्हें बताया कि विभाग की चालू वित्तीय वर्ष में कंडी क्षेत्र की वन नर्सरी में इन स्थानीय प्रजातियों के 4 लाख पौधे लगाने की योजना है। आयुक्त सचिव ने जसरोटा वन्यजीव अभ्यारण्य के अपने दौरे के दौरान वन्यजीव विभाग द्वारा वहां चल रहे कार्यों की समीक्षा की और अभयारण्य में स्थित बचाव केंद्र, ऐतिहासिक स्मारकों और तालाबों का निरीक्षण किया. उन्होंने अभयारण्य के अंदर ट्रेक रूट के विकास की सराहना की और वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों को बढ़ाने में पीआरआई और स्थानीय समुदायों को शामिल करने के निर्देश जारी किए।

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