बिजली बिल अधिक आने पर लोगों का गुस्सा फूटा

जागरण संवाददाता कठुआ आसमान छूती महंगाई से परेशान लोगों का अब बिजली बिल अधिक आने से ग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 04:46 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 04:46 AM (IST)
बिजली बिल अधिक आने पर लोगों का गुस्सा फूटा
बिजली बिल अधिक आने पर लोगों का गुस्सा फूटा

जागरण संवाददाता, कठुआ: आसमान छूती महंगाई से परेशान लोगों का अब बिजली बिल अधिक आने से गुस्सा बढ़ने लगा है। वीरवार को शहर के जराई चौक पर लोगों ने बिजली विभाग द्वारा अधिक बिल भेजे जाने पर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन महिलाएं भी शामिल रहीं, जिन्होंने बिजली विभाग पर सैकड़ों की जगह कई गुना अधिक बिल भेजने का आरोप लगाया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महंगाई ने पहले ही बुरा हाल कर रखा है, अब रही सही कसर बिजली विभाग उन्हें हजारों के बिल भेज कर पूरी करने में लगा है। यह सरकार की नाकामी है, बिजली विभाग आए दिन ऐसी लापरवाही का उदाहरण पेश करता है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है। यही कारण है कि आए दिन कहीं न कहीं किसी क्षेत्र में बिजली बिल में गड़बड़ी से परेशान लोग प्रदर्शन करते रहते हैं।

प्रदर्शन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल के एसके भंडारी, मनोहर लाल और भाजपा महिला कार्यकर्ता भजन कौर ने बिजली विभाग को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें भेजे गए कई गुना ज्यादा बिल जल्द माफ की जाए। साथ ही रसोई गैस को पुराने रेट पर जब तक सरकार नहीं करती है, तब तक हीटर का प्रयोग करने से नहीं रोका जाए। भजन कौर ने कहा कि अगर बिजली विभाग में हिम्मत है तो अब उनके क्षेत्र में आकर हीटर तोड़ने का प्रयास करें, उनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम गरीब लोगों को 10, 20, 30, 35 हजार के बिल भेज कर विभाग परेशान कर रही है। इससे पहले इन परिवारों के सौ से तीन या पांच सौ रुपये प्रति माह बिल आते थे। रसोई गैस सिलेंडर भरवाने में असमर्थ लोगों के लगातार हीटर तोड़े जा रहे हैं। विभाग का यह तानाशाही रवैया अब सहन नहीं किया जाएगा।

राष्ट्रीय जनता दल के एस के भंडारी एवं मनोहर लाल ने कहा कि बढ़ती महंगाई से लोगों का सब्र का बांध टूटने लगा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सरकार ने महंगाई कम करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए तो लोगों के पास फिर सड़कों पर उतरने के सिवाय और कोई चारा नहीं रहेगा। एक तरफ सरकार आए दिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों, कंपनियों के कर्जे माफ करने में लगी है, लेकिन गरीब परिवारों को महंगाई की मार में और दबाए जा रही है। इसके कारण लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है।

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