कचरा निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक नहीं

जागरण संवाददाता कठुआ अगर इच्छाशक्ति का अभाव न हो तो कठुआ नगर भी इंदौर की तरह स्वच्छता बन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 12:31 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 12:31 AM (IST)
कचरा निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक नहीं
कचरा निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक नहीं

जागरण संवाददाता, कठुआ: अगर इच्छाशक्ति का अभाव न हो तो कठुआ नगर भी इंदौर की तरह स्वच्छता बन सकता है।इसके लिए संकल्प से सिद्धि के तहत काम करने की जरूरत है।पिछले पाच साल से लगातार स्वच्छता को लेकर देश में नंबर एक पर आने वाले इंदौर शहर से कठुआ कई गुणा आबादी एवं क्षेत्रफल के लिहाज से छोटा है।ऐसे में इसे स्वच्छ बनाने के लिए सिर्फ एक अलख जगाकर काम करने की जरूरत है।इसमें सबसे पहले कठुआ में पिछले 10 साल से लंबित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना को सिरे चढाने की जरूरत है। इसके सिरे चढ़ने से आधा शहर स्वच्छ हो जाएगा। उसके बाद बचेगा, कचरा गलियों से नियमित उठाने और जहा सफाई कर्मी नहीं हैं,वहा पर अगर नप के पास इसके लिए संसाधन नहीं हैं तो गैर सरकारी समाजिक संगठन की सेवाएं भी ली जा सकती हैं। अगर इंदौर में खुद लोग ही स्वयं सेवी बनकर स्वच्छ बनाने के लिए घर घर से निकल पडे तो कठुआ बहुत ही छोटा शहर है,जहा पर छत्त से चढ़कर भी ढिंढोरा पीट दिया जाए तो कई संगठन आगे आ सकते हैं,जिन्हें सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के अस्तित्व में आने से सिर्फ इतना ही काम करना है कि घरों और गलियों में एकत्रित कचरे को वाहन में डालने के लिए सबको जागरूक करना है,ये काम कोई ज्यादा मुश्किल भी नहीं है,क्योंकि नगबर परिषद के पास जब कचरा निस्तारण करने के लिए साधन हो जाएगा तो वहा पर एकत्रित कचरे को पहुंचाना ही काम रह जाएगा। उससे शहर में जो सफाई कर्मी कचरे के ढेर खाली प्लाट, शहर के सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित करते हैं या बीचोबीच बहने वाली बरसाती खड्ड में फैंकते हैं,उन्हें फिर निस्तारण इकाई में भेजने के लिए सुनिश्चित बनाना होगा। नगर परिषद के लिए ये प्रबंधन करना होगा। इससे एक तो शहर के आसपास सहार खड्ड और रावी दरिया के किनारे कई वषरें से कचरे के बड़े बड़े डंब से बने पहाड़नुमा ढेर भी खत्म हो जाएंगे। इसके साथ ही घर से घर से कचरा एकत्रित करने की मुहिम को हर हाल में सु्निश्चत बनाने की जरूरत है,जो अभी तक असफल साबित हुई है। यहीं कारण है कि शहर स्वच्छ नहीं बन पा रहा है। अगर ये सब हो जाए तो इंदौर की तरह कठुआ भी नंबर एक पर आ सकता है,लेकिन इससे पहले 9 करोड़ की 10 साल से मंजूर सालिड वेस्ट मैनजमेंट परियोजना को अमल में लाने के लिए प्रयास करने होंगे,जो शहर को स्वच्छ बनाने का अहम साबित होगी।परियोजना के लिए रावी दरिया के किनारे जगह का चयन भी हो चुका है और फंड भी उपलब्ध हैं।तो फिर देर किस बात की।

--------------------------- सालिड वेस्ट मैनजमेंट परियोजना के लिए रावी दरिया में जगह का चयन हो चुका है। 45 लाख रुपये की लागत से पहले वहा बड़ा गड्डा निकाल कर कचरे को डंप किया जाएगा,उसके बाद रिसाइकिलिंग की जानी है,इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.. नरेश शर्मा प्रधान, नप कठुआ

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