नगर परिषद में प्रधान की कुर्सी को लेकर जोड़ तोड़ शुरू
जागरण संवाददाता कठुआ नगर परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा वोटिंग कराने के लिए प
जागरण संवाददाता, कठुआ: नगर परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा वोटिंग कराने के लिए प्रधान को लिखे पत्र के बाद जोड़ तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। उधर, परिषद के प्रधान को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई है। हालांकि, निर्वतमान प्रधान नरेश शर्मा के पास कुर्सी बचाने के लिए पहले की तरह कई विकल्प अभी खुले हैं, फिर नगर परिषद प्रधान की कुर्सी पर काबिज होने को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है।
बताया जाता है कि नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बब्बी बागियों के साथ मुख्य भूमिका निभा रहे है, क्योंकि उनके समर्थन के बिना प्रधान नरेश शर्मा को अविश्वास प्रस्ताव में हराना मुश्किल है, क्योंकि राजेंद्र सिंह के पांच निर्दलीय समर्थक पार्षद मिलाकर आंकड़ा बहुमत के पास करीब 12 पहुंचता है। मतदान की नौबत आने तक नप में भाजपा की गुटबंदी चरम पर है। इसी का लाभ उठाने में पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह जुगत में हैं, क्योंकि वे भाजपा द्वारा पहले प्रधान बनाने की रची गई साजिश से काफी आहत हैं।
अगर नगर परिषद में प्रधान की कुर्सी से नरेश शर्मा हट जाते हैं तो उसके बाद प्रधान कौन बनेगा, क्योंकि राजेंद्र सिंह के समर्थन के बिना सात बागी भाजपा पार्षद सफल नहीं हो सकते। इसका फैसला भी राजेंद्र सिंह करेंगे और यह भी तय है कि राजेंद्र सिंह भाजपा के सात बागियों में से किसी एक को प्रधान बनाने के लिए अपना समर्थन देंगे।
बहरहाल, राजनीतिक विरोधी रहे नरेश शर्मा को हटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि अगर नरेश शर्मा भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं करते तो राजेंद्र सिंह शायद नगर परिषद के प्रधान बनने में सफल भी हो जाते, लेकिन पूर्व मंत्री चौ. लाल सिंह, जो अब डोगरा स्वभिमान संगठन के चेयरमैन है, के अनुज राजेंद्र सिंह बब्बी को भी हर हाल में प्रधान बनने से रोकना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया था। इसके चलते भाजपा ने रोकने के लिए नरेश शर्मा को कांग्रेस से भाजपा में शामिल कराकर प्रधान की कुर्सी सौंपी गई।