किसानों को एलोवेरा की खेती के लिए किया प्रेरित

संवाद सहयोगी हीरानगर पारंपरिक फसलों के साथ-साथ किसानों का रूझान अब एलोवेरा की खेती क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:59 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:59 AM (IST)
किसानों को एलोवेरा की खेती के लिए किया प्रेरित
किसानों को एलोवेरा की खेती के लिए किया प्रेरित

संवाद सहयोगी, हीरानगर : पारंपरिक फसलों के साथ-साथ किसानों का रूझान अब एलोवेरा की खेती की तरफ भी बढ़ने लगा है। इसके लिए बागवानी विभाग उन्हें प्रेरित कर रहा है।

रविवार को विभाग के जिला अधिकारी व हीरानगर के इंचार्ज रघु उपाध्याय ने गंगूचक गाव में एलोवेरा का पौधारोपण शुरू करवाया तथा किसानों को जागरूक किया। गाव के युवा किसान निशात शर्मा ने अपनी बीस कनाल जमीन पर पहली बार खेती शुरू की है। निशात शर्मा व बोधराज राम लाल ने कहा कि वर्तमान में धान व गेहूं की फसल लगाने में काफी खर्चा आता है, मजदूरों की जरूरत होती है। किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ अन्य औषधीय पौधे लगाना चाहते हैं, जिससे उनका भी काम हो और आमदनी भी बढ़े। उन्होंने कहा कि पहली बार गाव में 50 कनाल जमीन पर एलोवेरा लगाने जा रहे हैं। अगले साल अन्य किसान भी खेती शुरू कर देंगे।

वहीं, किसानों को जागरूक करते हुए बागवानी विभाग के एसएमएस रघु उपाध्याय ने कहा कि एलोवेरा की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। एक कनाल से बीस हजार तक साल की आमदनी हो सकती है। कंडी तथा सीमावर्ती क्षेत्र की मिट्टी एलोवेरा की खेती के लिए उपयोगी है। हीरानगर सेक्टर में पहली बार 50 एकड़ पर एलोवेरा की खेती शुरू की गई है, इसके लिए किसानों को एक कनाल में पौधारोपण के लिए 3 हजार के पौधे तथा 700 रुपये मजदूरी के तौर पर खर्चा दिया जाएगा। उहोंने कहा कि एलोवेरा के पत्ते आठ माह के बाद तैयार होंगे। इन्हें किसान साबा तथा कठुआ फैक्ट्रियों में बेच सकते हैं। अगर खेती ज्यादा होती है तो किसान मिलकर अपना यूनिट लगा कर भी मुनाफा कमा सकते हैं। यूनिट लगाने के लिए विभाग की तरफ से सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी।

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