तारबंदी के आगे खाली पड़ी जमीन पर किसान करें खेती: डीसी

संवाद सहयोगी हीरानगर भारत- पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में तारबंदी के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 05:25 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 05:25 AM (IST)
तारबंदी के आगे खाली पड़ी जमीन पर किसान करें खेती: डीसी
तारबंदी के आगे खाली पड़ी जमीन पर किसान करें खेती: डीसी

संवाद सहयोगी, हीरानगर : भारत- पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में तारबंदी के आगे वर्षो से खाली पड़ी जमीन पर प्रशासन एक बार फिर से खेती करवाएगा। इस संबंधी डीसी राहुल यादव व कृषि विभाग के अधिकारी पहले भी किसानों के साथ बैठकें कर चुके थे।

रविवार को भी डीसी राहुल यादव ने बीएसएफ के चांदवा पोस्ट में चकचंगा व छनटाडा में किसानों के साथ संयुक्त बैठक की, जिसमें बीएसएफ, कृषि अधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान अलग-अलग समस्याओं को लेकर चर्चा हुई, जिसमें कुछ किसानों ने कहा कि तारबंदी के आगे की जमीन कई वर्षो से खाली पड़ी है, उसमें झाड़ियां भी उगी हुई हैं। पहली बार उनके लिए खेती करना संभव नहीं।

दूसरा, कुछ जगह खेतों की हदबंदी नहीं रही। तारबंदी के गेट के आगे जाने में भी उन्हें कई तरह की दिक्कतें आती हैं। अगर प्रशासन पहली बार खेती करवा दे तो वे आगे से खेती कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने एक कमेटी गठित करने की भी मांग की, जिसकी निगरानी में वे खेती करेंगे और वह हमें सहयोग करे। किसानों का कहना था कि चक चंगा की 981 और छनटाडा की 91कनाल जमीन बीस वर्षो से खाली पड़ी है, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है।

उधर, किसानों से चर्चा करने के बाद डीसी राहुल यादव ने कहा कि तारबंदी के आगे काफी सारी जमीन खाली पड़ी है, जिसमें सरकार खेती करवाना चाहती है। पिछले साल भी प्रशासन ने बीएसएफ के सहयोग से कुछ जगह गेहूं की फसल लगाई थी। कुछ किसान खेती के लिए तैयार हुए हैं। प्रशासन दोबारा उनकी जमीन पर फसल लगवा कर देगा और सारा खर्चा प्रशासन उठाएगा। किसानों को इस में अपना सहयोग देना होगा। एक कमेटी भी गठित की जाएगी, जिसमें कुछ किसानों, कृषि राजस्व और बीएसएफ के अधिकारी शामिल होंगे, ताकि छोटी मोटी समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

हदबंदी करवाने के लिए भी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसानों को भी अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन आगे है, वे खेती करेंगे उन्हें कृषि उपकरण, बीज व खाद में भी अलग-अलग स्कीमों के तहत सब्सिडी दी जाएगी। अगर वे इसके लिए आवेदन करते हैं तो।

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तारबंदी के आगे हमारी सात एकड़ जमीन बीस वर्षो से खाली पड़ी है। फसलें नहीं लगने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है, डीसी ने फिर से खेती करवाने का भरोसा दिया है। प्रशासन को प्रभावित किसानों की आर्थिक सहायता भी करनी चाहिए और विभिन्न स्कीमों के तहत लाभ पहुंचाना चाहिए।

- रोशन लाल, स्थानीय किसान।

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तीन एकड़ जमीन तारबंदी के आगे पड़ती है। सरकार दोबारा खेती करवाना चाहती है तो तैयार हैं, लेकिन जब से जमीन खाली पड़ी है उसका मुआवजा भी सरकार को देना चाहिए। इससे पहले भी 2002 में आगे पांच फसलें नहीं लगी थी, सरकार ने तब 1200 रुपए कनाल के हिसाब से मुआवजा दिया था। बीस वर्षो के नुकसान की भी भरपाई करनी चाहिए।

-दीवान चंद, छनटाडा निवासी।

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सरकारी जमीन से बेदखली को लेकर किसान चिंतित

सरकारी जमीन से बेदखली को लेकर किसान काफी चितित होने संबंधी सवाल पर डीसी राहुल यादव ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाही जारी है। पहले उसी जमीन को खाली करवाया जा रहा है, जिसमें कुछ लोगों ने मालकियत की जमीन होते हुए भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है।

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