स्वर्ण जड़ित हल चलाते धरती की कोख से निकली मां सीता
संवाद सहयोगी बसोहली बसोहली के रामलीला में वैसे तो हर साल एक नया आकर्षण होता है मगर सीता जन्
संवाद सहयोगी, बसोहली : बसोहली के रामलीला में वैसे तो हर साल एक नया आकर्षण होता है, मगर सीता जन्म को लेकर आधुनिक तकनीक का प्रयोग के कारण मंचन रोमाच बन गया। रामलीला मैदान एक वर्ष के अंतराल के बाद दर्शकों से भरा देखने को मिला।
तीसरे दिन के मंचन में ताड़का वध एवं सीता जन्म दृश्य मुख्य आकर्षण रहा। वन में तपस्या कर रहे महाऋषियों को राक्षस तंग करने लगे तो उन्होंने ऋषि विश्वामित्र को राजा दशरथ के पास भेजा और राम द्वारा इनके वध की योजना बनाई। विश्वामित्र राजा दशरथ के पास गए और बताया कि वन में तपस्या करना बहुत ही मुश्किल हो गया है, राक्षस तंग कर रहे हैं, पूजा में विघ्न डालते हैं इसलिए राजकुमार राम को उनके साथ भेजें, ताकि उनका वध किया जा सके। इस पर राजा दशरथ अचरज में पड़ गए कि अभी राजकुमार छोटे हैं और इन राक्षसों से कैसे मुकाबला कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं सेना भेजता हूं, मगर विश्वामित्र नहीं माने तो राजा दशरथ ने राम और लक्षमण को गुरु विश्वामित्र के साथ वन में भेज दिया। तपस्या में विघ्न डालने के लिए राक्षस आ गए और ताड़का का वध किया। इसके बाद सुबाहु एवं मारीच का वध किया। जनकपुरी में बारिश नहीं होने के कारण अकाल पड़ गया। किसान चिंता में पड़ गए, उनके माल मवेशी बिना पानी के तड़पने लगे, इस पर प्रधान से बात कर सभी किसान राजा जनक के पास गए और बारिश को लेकर कोई हल निकालने की गुहार लगाई।
राजा जनक ने मना करने के लिए गुरु शतानंद को बुलाया और उन्होंने परामर्श दी की अगर राजा खुद खेतों में स्वर्ण जड़ित हल चलाए तो बारिश होगी। इस पर स्वर्ण जड़ित हल बनवाई गई और राजा खुद हल चलाने लगे। जोरदार बारिश हुई। हल चलाते ही धरती धमाके के साथ फटी और उसमें से आग निकलने लगी, बीच में एक कन्या निकली जिसे राजा जनक ने अपने हाथों से उठाया और धर्मपत्नी को दिया। इस दृश्य को बनाने में आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया। एक पानी की मोटर को रामलीला मैदान में स्थापित किया गया, जैसे राजा जनक ने हल चलाई तो मोटर से बारिश होने लगी। धरती में से सीता का जन्म एक कमल के फूल की तरह टोकरी को सजाया गया और आतिशबाजी के साथ धमाका किया गया, बैटरी चलित लाइटों को टोकरी के समीप रखा गया। जिससे टोकरी लाल रंग की दिखी और दूर से आग का गोला लग रही थी। राजा जनक की भूमिका में सोहन लाल ने किरदार निभाया।