शहरवासियों को मिलेगी सीवरेज की सुविधा, मिली मंजूरी
राकेश शर्मा कठुआ तीन दशक के लंबे इंतजार बाद कठुआ नगर परिषद में योजनाबद्ध विकास का ए
राकेश शर्मा, कठुआ: तीन दशक के लंबे इंतजार बाद कठुआ नगर परिषद में योजनाबद्ध विकास का एक नया मील का पत्थर स्थापित होने जा रहा है। शहरवासियों को 265 करोड़ की लागत से सीवरेज सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे आने वाले समय में शहर की डेढ़ लाख आबादी वाले करीब 15 हजार से ज्यादा घरों एवं 10 हजार संस्थानों से रोजाना निकलने वाला गंदा पानी अब सड़क व गलियों के मार्गो के किनारे बनी नालियों में बहता नहीं दिखेगा।
अब व्यर्थ गंदा पानी शहर में बनने वाली सीवरेज बन जाने के बाद बड़े शहरों की तर्ज पर भूमिगत नालों में बहेगा। यह केंद्र सरकार की कठुआ शहर के 21 वार्डों के विकास में अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है। सबसे अहम बात यह है कि इस परियोजना की केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने 16 करोड़ की टोकन मनी की एक किश्त भी जारी कर दी है, जिससे इस महत्वाकांशी परियोजना के कार्य में अब किसी भी तरह की रुकावट नहीं आएगी। आने वाले दिनों में कठुआ नगर परिषद जम्मू कश्मीर प्रदेश में पहला नगर होगा, जहां सीवरेज की व्यवस्था होगी। अभी जिले के किसी शहर तो दूर, पूरे प्रदेश में कहीं भी सीवरेज व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इस बड़ी सुविधा को पाने वाला कठुआ नगर इस सुविधा को पाने वाला पहला नगर बन जाएगा।
बता दें कि नगर परिषद का प्रधान बनने के कुछ माह के बाद नरेश शर्मा ने इस बड़ी परियोजना के लिए केंद्र से बात करके डीपीआर बनवाकर भेजी थी, जिसे करीब डेढ़ साल के बाद केंद्र ने डीपीआर को मंजूरी दे दी। सीवरेज व्यवस्था के कई मुख्य रूट रहेंगे। इसमें वार्ड-1,2,16 और 19 के लिक सीवरेज का मुख्य रूट सहार खड्ड रहेगा। दूसरा वार्ड-3,4,5,6,7,15 और 20 के लिक सीवरेज का मुख्य रूट शहर के बीचो बीच बहने वाली बरसाती खड्ड रहेगा। ऐसे ही वार्ड 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 21 का लिक सीवरेज का रूट मग्गर खड्ड रहेगा यानि अब शहर की किसी भी सड़क, मुख्य गली में शहर के घरों से निकलने वाला व्यर्थ का गंदा पानी खुली नालियों में न जाकर भूमिगत सीवरेज नालों में जाएगा। इससे शहर स्वच्छता का उदाहरण बनेगा। वैसे भी दो साल पहले कठुआ शहर देश के स्वच्छ शहरों के हुए सर्वे में 769वें रैंक पर आ चुका है। बाक्स---
सीवरेज के साथ ट्रीटमेंट प्लांट भी बनेगा
सीवरेज योजना को मंजूरी मिलने के साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाने का डीपीआर में प्रावधान रखा गया है, जिससे शहर का सारा कचरा रि-साइकिलिग होकर खाद बनेगा और गंदा पानी को साफ कर सिंचाई के प्रयोग में लाया जाएगा। कोट्स---
ढाई साल पहले नगर परिषद प्रधान का पद संभालते ही सीवरेज परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। डीपीआर बनवाकर केंद्र को मंजूरी के लिए भेजे। परियोजना को मंजूरी दिलाने में मुख्य भूमिका पीएमओ में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने निभाई। इसके चलते शहर के मूल विकास से जुड़ा सबसे बड़ा तोहफा मिल गया है, जो चंडीगढ़ की तर्ज पर बनेगा।
-नरेश शर्मा, प्रधान, नगर परिषद कठुआ।