जम्मू कश्मीर को कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना चाहता है केंद्र
संवाद सहयोगी हीरानगर केंद्र सरकार चाहती है कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर आत्मनि
संवाद सहयोगी, हीरानगर: केंद्र सरकार चाहती है कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर आत्मनिर्भर बने। इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदालजे ने कही है। उन्होंने हा कि कहना है कि देश आज कृषि उत्पादन में आगे है। एक साल में कृषि में 505 मिलियन टन फल और 525 मिलियन टन सब्जियों का उत्पादन हुआ है।
जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत सोमवार को कठुआ जिले के दयालाचक कृषि विभाग के कार्यक्रम में करंदालजे ने कहा कि सरकार चाहती है कि जम्मू कश्मीर भी कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बने। इसके लिए किसानों को कृषि उपकरण, ट्रैक्टर, हल, बीज पर सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। हम अनाज, फल व सब्जियों के उत्पादन में आगे हैं, लेकिन तिलहन उत्पादन उत्पादन बढ़ाने में कुछ करना बाकी है। उन्होंने अभी 70 फीसद तेल हम बाहर से आयात करते हैं। तिलहन उत्पादन बढ़ने से इसमें कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अनाज उत्पादन के साथ-साथ बाजार पर भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। मार्केटिंग बढ़ने से ही किसानों की आमदनी दोगुनी हो सकती है। युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए। आर्गेनिक खेती पर ध्यान दें किसान
कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान योजना व फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सीधे लाभ पहुंच रहा है। प्राकृतिक आपदाओं से फसलें नष्ट होने पर बीमा योजना के तहत लाभ पहुंचता है। देश में मंडियों की संख्या बढ़ी है, जबकि कुछ मंडियों को डिजिटल किया गया है। किसानों को आर्गेनिक खेती पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। शाहपुर कंडी नहर बनने से कठुआ व साबा जिले में सिंचाई होने से किसानों को लाभ पहुंचेगा। जल शक्ति मिशन के तहत प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है।
इससे पूर्व डीसी राहुल यादव ने जिले का प्रोफाइल प्रस्तुत किया और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में जिले की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत कृषि मंत्री ने कृषि विभाग के हीरानगर स्थित बीज फार्म का भी दौरा किया।
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11 करोड़ किसानों को पीएम किसान योजना का मिल रहा है लाभ
कठुआ: कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की पहल से पीएम-किसान योजना के तहत अब तक 11 करोड़ किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 9 किस्तें जमा की गई हैं। कृषक समुदाय को अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को दोहराने का भी आह्वान किया, जिसके लिए सरकार किसान की आय को दोगुना करने के अपने संकल्प के तहत हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने जैविक खेती में अवसर तलाशने और महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने के उद्देश्य से सभी महिला किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की स्थापना के पहले प्रस्ताव की सराहना की। मंडियों के डिजिटलीकरण, पैकिंग आदि पर क्यूआर कोड के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता जाच सुनिश्चित करने जैसी पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपनी तरह की पहली पहल में देश भर में अब तक बीस मंडियों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।