पांच दिनों में 164 एमएम बारिश, पहाड़ी क्षेत्र की सड़कें हुई बदहाल

जागरण संवाददाता कठुआ जिले में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश अब हर वर्ग व हर क्षेत्र के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 04:42 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 04:42 PM (IST)
पांच दिनों में 164 एमएम बारिश, पहाड़ी क्षेत्र की सड़कें हुई बदहाल
पांच दिनों में 164 एमएम बारिश, पहाड़ी क्षेत्र की सड़कें हुई बदहाल

जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश अब हर वर्ग व हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त हो चुकी है। बीच में सिर्फ दो दिन को छोड़ कर गत 7 सितंबर से अब तक 164 एमएम बारिश हो चुकी है, जो कि फसल के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र में बारिश से लोगों की परेशानियां बढ़ रही है। अगर अब और बारिश हुई तो खेत में धान की फसल को लगे अंकुर गिर सकते हैं। इससे फसल की पैदावार में कमी आ सकती है। हालांकि, मौसम पुर्वानुमान में अब और बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन मौसम अभी भी बना हुआ है। इससे अब और बारिश नुकसानदेय साबित हो सकती है।

बारिश के जारी रहने से मौसम में एकदम बदलाव महसूस किया जा रहा है, जिससे सुबह व शाम के मौसम में ठंड का अहसास होने लगा है। लगातार हो रही बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी क्षेत्र के ग्रामीणों को होना शुरू हो गई है, जिससे कच्चे रिहायशी घरों को नुकसान हो रहा है। पहाड़ी क्षेत्र के पहले से ही बदहाल मार्ग की हालत लगातार बारिश से और बदतर हो गई है, वाहन तो दूर अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। खासकर लखनपुर-महानपुर, महानपुर-बसोहली मार्ग की हालत बारिश से और भी बदतर हो गई है। इस क्षेत्र में सरकार पर्यटन की बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है, लेकिन मूल सुविधा सड़क की हालत सुधारने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे इन मार्गो पर वाहन चालकों ने अपने वाहन दौड़ाना भी बंद कर दिया है, जो अन्य वैकल्पिक मार्ग चुनने का प्रयास करते हैं या वाहन खड़ा कर देते हैं, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान ज्यादा उठाना पड़ता है।

कमोवेश यहीं स्थिति दियालाचक - बिलावर और बसोहली-बनी मार्ग की है, वहां भी जारी बारिश के चलते लोगों का वहां चलना भी मुश्किल हो जाता है। अब सब आफत की बारिश थमने की उम्मीद कर रहा है।

बहरहाल, जिले में रविवार को 22 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जिससे क्षेत्र का अधिकतम तापमान पांच डिग्री नीचे गिर कर 27.4 और न्यूनतम 22.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बारिश के साथ 15 किलोमीटर गति से हवाएं भी चली।

कोट्स---

धान की फसल जिस क्षेत्र में तैयार हो रही है या हो चुकी है, जिसमें अंकुर लग चुके हैं, वहां और बारिश नुकसानदेय हो सकती है। इससे अंकुर गिर सकते हैं और ऐसा होने पर फसल की पैदावार कम हो सकती है। मक्की की फसल को भी नुकसान पहुंचेगा। खेतों में पानी जमा होने से नुकसान हो सकता है। हालांकि, अब बारिश बंद होने की उम्मीद है।

-डॉ. विशाल महाजन, प्रमुख वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, कठुआ

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