चार माह बाद नरेश शर्मा के हाथ फिर नप का कमान

राजनीतिक विरोधियों को नरेश शर्मा ने कोर्ट में कानूनी लड़ाई में पछ़ाड़ते हुए खाली पड़ी नप प्रधान की कुर्सी पर फिर कब्जा कर लिया है। जम्मू के न्यायालय से सोमवार फैसला आने के बाद नरेश शर्मा ने तुरंत नप की कुर्सी पर कब्जा किया। इसके साथ ही उनके साथ अयोग्य घोषित किए गए तीन अन्य पार्षद रेखा देवी रेनु बाला और अजय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:13 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:16 AM (IST)
चार माह बाद नरेश शर्मा के हाथ फिर नप का कमान
चार माह बाद नरेश शर्मा के हाथ फिर नप का कमान

जागरण संवाददाता, कठुआ: करीब चार महीने के बाद अपने राजनीतिक विरोधियों को नरेश शर्मा ने कोर्ट में कानूनी लड़ाई में पछ़ाड़ते हुए खाली पड़ी नप प्रधान की कुर्सी पर फिर कब्जा कर लिया है। जम्मू के न्यायालय से सोमवार फैसला आने के बाद नरेश शर्मा ने तुरंत नप की कुर्सी पर कब्जा किया। इसके साथ ही उनके साथ अयोग्य घोषित किए गए तीन अन्य पार्षद रेखा देवी, रेनु बाला और अजय कुमार भी पार्षद के पद पर असीन हो गए हैं। जैसे ही दोपहर को जहां नरेश शर्मा के फिर से नप प्रधान की कुर्सी पर असीन होने के कोर्ट के फैसले की सूचना पहुंची तो उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके सभी समर्थक पार्षद नप कार्यालय में पहुंच गए और कार्यालय में पहुंचते ही उनका फूलों के हारों से स्वागत किया। समर्थकों ने उन्हें फलों से तोल कर भी स्वागत किया। स्वागत करने वालों में पार्षद संजीव वैध, भुपेंद्र राज, राहुलदेव शर्मा, रवींद्र पठानियां, कर्ण सिंह, कुलवंत कौर, रेखा देवी, रेनु बाला, मीरा कुमार, अजय कुमार के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान चरणजीत सिहं भोला, गणेश भल्लड़, संजय शर्मा, अक्षय भारती, कांत कुमार आदि शामिल रहे। वहीं नप के सीईओ संजीव गंडोत्रा भी स्टाफ सहित नरेश शर्मा को प्रधान पद पर दोबारा असीन होने के लिए बधाई दी। कार्यालय में जश्न का माहौल बन गया। शाहरवासी भी नरेश शर्मा को बधाई देने पहुंच गए।

उधर शहर के कई नागरिकों ने नरेश शर्मा को दोबारा नप प्रधान की कुर्सी पर बैठने के लिए बधाई दी।

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पार्षदों ने कहा, रुका विकास अब फिर होगा शुरू

वार्ड 3 के पार्षद संजीव वैध ने नरेश शर्मा के दोबारा प्रधान बनने पर जारी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ये तो होना ही था, विरोधियों की चालक एक बार फिर नाकाम रही। चुनाव के दौरान भी उन्होंने कई साजिशें चली थीं,उसमें में भी फेल साबित हुए और अब भी। कठुआ का चार माह से विकास रुका था, जो अब तेजी से होगा। पूरी टीम नरेश शर्मा के बिना अधूरी थी, अब फिर सक्रिय होगी। हर रोज शहर में विकास कार्य होते दिखेंगे। जनता की समस्याएं हल होंगी

वार्ड 14 के पार्षद भुपेंद्र राज ने कहा कि आखिर उनकी टीम के कप्तान की दोबारा वापसी हुई है। इससे शहर के लोगों का भला होगा, विकास होगा, नप कार्यालय में लोगों के अब रोज कार्य होंगे। रका विकास फिर शुरू होगा। पिछले चार माह से नप की गतिविधियां नहीं के बराबर थीं। अब तेजी से शुरू होंगी। बाक्स---

शहर का विकास ही प्राथमिकता: नरेश शर्मा

दोबारा नप प्रधान की कुर्सी पर असीन हुए नरेश शर्मा ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य शहर का विकास है और रहेगा। शहर में लाबारिस मवेशियों की समस्या से जल्द लोगों को फिर निजात मिलेगी। प्रशासन के साथ जल्द बैठक कर इसका समाधान होगा। इसके अलावा यातायात, अवैध पार्किंग, पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जनता के हित के लिए सभी पार्षदों के साथ बैठक कर विकास की रणनीति तय होगी। किसी के साथ भेदभाव की नीति नहीं अपनाई जाएगी। कर्मियों को भी विश्वास में लेकर शहर की समस्याओं का समाधान करेंगे। शहर में अभी बहुत समस्याएं हैं, एक तो चार महीने का अंतराल बिना प्रधान के विकास पर ब्रेंक लगा गया था,पहले इसकी भरपाई होगी। उसके बाद नई योजनाओं पर भी काम करेंगे। बाक्स----

ऐसे हटे थे नरेश शर्मा

गत वर्ष नवंबर में नप के चुनाव में कुल 21 में से 15 पार्षदों का समर्थन पाकर नरेश शर्मा नप प्रधान बने थे। लेकिन राजनीतिक विरोधियों को उनका नप प्रधान बनना गवारा था, उन्होंने उस पर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ कर भाजपा में शामिल होने को दलबदल आधार बनाकर चुनाव कार्यालय में याचिका लगाई। याचिका पर चुनाव आयोग ने नरेश शर्मा और उसके साथ भाजपा में शामिल हुए अन्य तीन पार्षदों को गत चार माह पहले अयोग्य घोषित कर दिया था। जब कि नरेश शर्मा कांग्रेस के कुल 5 में 4 पार्षदों सहित भाजपा में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत के साथ शामिल हुए थे। दो तिहाई से ज्यादा बहुमत के साथ शामिल होने पर दलबदल कानून प्रभावी नहीं होने के आधार पर उन्हें कोर्ट ने फिर नप प्रधान की कुर्सी पर बहाल किया और चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी।

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