रसाना मामले की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जम्मू से कठुआ तक जनसमर्थन

लाल सिंह ने जम्मू से कठुआ तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोड शो कर रसाना मामले में बच्ची की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जनसमर्थन जुटाया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 18 Apr 2018 11:33 AM (IST) Updated:Wed, 18 Apr 2018 05:21 PM (IST)
रसाना मामले की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जम्मू से कठुआ तक जनसमर्थन
रसाना मामले की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जम्मू से कठुआ तक जनसमर्थन

कठुआ, जागरण संवाददाता। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा नेता चौधरी लाल खुलकर लोगों के बीच आ गए। मंगलवार को लाल सिंह ने जम्मू से कठुआ तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोड शो कर रसाना मामले में बच्ची की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जनसमर्थन जुटाया।

रोड शो के दौरान चौधरी लाल का जगह-जगह बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत किया और सीबीआइ जांच की मांग के लिए उनके आंदोलन में साथ चलने का वादा किया। रोड शो के दौरान लाल सिंह व उनके समर्थकों का एकमात्र नारा था, सीबीआइ जांच। उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच होकर रहेगा, जम्मू के लोग एकजुट हो जाएं। करीब चार बजे कठुआ स्थित हाईवे पर कालीबड़ी के नजदीक लाल सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रसाना मामले की जांच सीबीआइ से कराना बेहद जरूरी है। इससे एक तो बच्ची को इंसाफ मिलेगा, दूसरा जम्मू के डोगरों को बदनाम करने की जो कश्मीर केंद्रित राजनीतिक साजिश चल रही है, उसका पर्दाफाश होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले के बाद जिस तरह से जम्मू के डोगरों की छवि को खराब किया गया है, उससे उन्हें दुख है। वह डोगरों की आन बान शान को आंच नहीं आने देंगे।

उन्होंने कहा कि जम्मू के डोगरोंं ने हमेशा अपनी बहादुरी से विश्व में नाम कमाया है, लेकिन कुछ ताकतें आज इस बहादुर कौम को बदनाम करने के लिए साजिश रच रही हैं। इसके लिए हम सबको अब एकतजुट होना होगा। अगर रसाना मामले की जांच सीबीआइ से नहीं होती है तो अलगाववादी ताकतों को शह मिलेगी और न ही बच्ची को इंसाफ मिलेगा। आज लोग पीएमओ को भी मामले की सीबीआइ जांच करवाने के लिए अपनी राय दे रहे हैं।

लाल सिंह ने कहा कि जम्मू के डोगरों को दुष्कर्मियों का साथ देने वाले लोग बताया गया, जिस धरती पर मां वैष्णो देवी का दरबार है और जहां पर कन्या पूजन होता हो, वहां के लोग ऐसी दरिंदगी नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि रसाना में पार्टी अध्यक्ष सत शर्मा ने उनकी और चंद्र प्रकाश गंगा के अलावा कठुआ व हीरानगर के विधायक सहित कुछ पार्टी नेताओं की ड्यूटी लगाई, ताकि वहां पलायन कर रहे लोगों को रोका जाए। हम वहां गए और वहां बड़ी संख्या में लोगों ने उनके समक्ष मामले की जांच सीबीआइ से कराने की रखी। लोगोंं की राय उन्होंने सरकार के समक्ष रखी, लेकिन सरकार ने मांग नहीं मानी। उसके बाद उनकी और चंद्र प्रकाश गंगा की छवि को कुछ मीडिया ने दूसरे तरीके से पेश किया जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पहले लाल ङ्क्षसह का कठुआ जिला के लोंडी मोड़, कूटा, हीरानगर, चड़वाल, राजबाग, छन्न रोडियां, बरनोटी और पल्ली के अलावा शहर के शहीदी चौक और मुखर्जी चौक में भी लोगों ने स्वागत किया।

 केंद्र को सीबीआइ जांच से एतराज नहीं

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर राज्य सरकार रसाना मामले की सीबीआइ जांच के लिए सिफारिश करती है तो केंद्र सरकार को इससे कोई ऐतराज नहीं होगा। मंगलवार को जम्मू में राजकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच की मांग कोई भी कर सकता है। उनके साथ केंद्र में आयूष के राज्य मंत्री श्रीपद नायक भी थे।

रसाना मामले पर सोपोर और बारामुला में हिंसा

कठुआ के रसाना गांव में आठ साल की बच्ची की हत्या के विरोध में कश्मीर में पिछले कई दिनों से विद्यार्थियों व विभिन्न संगठनों की ओर से किए जा रहे शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन में मंगलवार को हिंसा भड़क उठी। विद्यार्थियों ने सुरक्षाबलों पर जमकर पथराव किया। पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। हिंसक झड़पों में पांच विद्यार्थी घायल हो गए।

उत्तरी कश्मीर के सोपोर और बारामुला में मंगलवार दोपहर को तनाव फैल गया। दोनों इलाकों में स्थित डिग्री कॉलेजों के विद्यार्थियों ने बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर पहले परिसर के भीतर धरना प्रदर्शन किया। बाद में नारेबाजी करते हुए कॉलेज से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। सुरक्षाबलों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो विद्यार्थियों ने पथराव शुरू कर दिया। विद्यार्थियों को खदेडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने रंगीन पानी की बौछार के साथ आंसू गैस के गोले दागे। सुरक्षाबलों व विद्यार्थियों के बीच हिंसक झड़पों का सिलसिला कई घंटों तक जारी रहा। सोपोर में तीन व बारामुला में दो विद्यार्थी घायल हो गए। इधर, कश्मीर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी कक्षाओं का बहिष्कार कर रसाना मामले के विरोध में धरना प्रदर्शन किए, लेकिन यहां कोई हिंसा नहीं हुई। बांडीपोर व श्रीनगर में भी विभिन्न व्यापारिक संगठनों के अलावा स्कूली छात्र छात्राओं ने रसाना मामले के विरोध में शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन व रैलियां निकालीं।  

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