110 फीट का ऊंचा तिरंगा लहराने के लिए प्लेटफार्म बनाने का कार्य शुरू

जागरण संवाददाता कठुआ जिले के कठुआ में 5 अगस्त को 110 फीट का तिरंगा लहराने के साथ ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 12:23 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 12:23 AM (IST)
110 फीट का ऊंचा तिरंगा लहराने के लिए प्लेटफार्म बनाने का कार्य शुरू
110 फीट का ऊंचा तिरंगा लहराने के लिए प्लेटफार्म बनाने का कार्य शुरू

जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले के कठुआ में 5 अगस्त को 110 फीट का तिरंगा लहराने के साथ ही एक नया इतिहास लिखा जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि इसी दिन गत वर्ष जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राष्ट्र से जोड़ा गया था। उसी ऐतिहासिक दिन की याद में झंडे को स्थापित करने के लिए इन दिनों शहर में नगर परिषद के प्रयास से जोरों से काम चल रहा है।

पहली बार उसी चौक पर जहां पर गत वर्ष जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए वर्ष 1953 में एक विधान एक निशान नारे के साथ आंदोलन चलाकर शहीद हुए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी, वहां पर ही देश की आन-बान और शान तिरंगा गाड़ा जा रहा है। इसके चलते कठुआ जिला के मुखर्जी की प्रतिमा के साथ इस चौक की अहमियत तिरंगा गाड़ने से और खासकर सच्चे देश भक्तों के लिए और बढ़ जाएगी।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे देश भक्त की प्रतिमा के साथ विशेष 110 फीट का ऊंचा तिरंगा यहां आने वाले हर किसी को आकर्षित करेगा। बंगाल से चलकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कठुआ जिलें के पास पड़ोसी राज्य पंजाब के माधोपुर की सीमा पर ही परमिट प्रणाली को चुनौती देते हुए जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने का प्रयास किया था, लेकिन तब की जम्मू कश्मीर सरकार ने उन्हें बिना परमिट घुसने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था, जहां उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई, लेकिन उनके द्वारा तोड़ी गई परमिट के 70 साल बाद जम्मू कश्मीर देश के साथ गत वर्ष पूरी तरह से विलय हो गया। इसके बाद कठुआ जिले में भी उनकी गत वर्ष भाजपा द्वारा मूर्ति लगाई गई जो कि जम्मू कश्मीर में उनकी पहली मूर्ति है। इससे सात साल पहले माधोपुर में भी भाजपा ने मुखर्जी की मूर्ति जम्मू पठानकोट हाईवे पर लगाई थी। दोनों राज्यों के प्रवेश द्वार पर स्थापित हुई मुखर्जी की मूर्तियां वर्तमान एवं आने वाले पीढि़यों को राष्ट्रभावना के प्रति जागरूक करती रहेंगी

बहरहाल, झंडा स्थापित करने का कार्य आम नहीं है, ब्लकि एक परियोजना के तहत लगाया जा रहा है, जिस पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के स्थानीय शहर कोलकाता से मंगवाए गए झंडे के खंभे को वहां से लाने पर लाखों किराया लगा है। प्लेटफार्म बनाने के लिए 5 लाख का टेंडर किया गया है, जिसका निर्माण रविवार को स्थानीय वार्ड 5 के पार्षद अशोक शर्मा, वार्ड 3 के पार्षद संजीव वैद्य, युवा मोर्चा के नेता अनिरुद्ध शर्मा की उपस्थिति में शुरू कराया गया है। खंभे को खड़ा करने के लिए जम्मू से विशेष रूप से बड़ी क्रेन मंगवानी पड़ी थी। कोटस---

110 फीट ऊंचा 24 घंटे स्थायी रूप से लहराने वाले भारत की शान तिरंगे से कठुआ का मुखर्जी चौक अब दिल्ली जैसे बड़े शहरों की तर्ज में आ जाएगा। यहां पर लोग सुबह शाम तिरंगे के इस स्थल पर सेल्फी लेने के लिए उमड़ेंगे। चौक और शहर की अहमियत बढ़ेगी।

- नरेश शर्मा प्रधान, नगर परिषद कठुआ।

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