कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा पर सवाल

जागरण संवाददाता कठुआ गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 08:42 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 06:31 AM (IST)
कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा पर सवाल

जागरण संवाददाता, कठुआ : गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद जहां भी प्रत्येक कोचिंग सेंटर में कोचिंग लेने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। जिला कठुआ में भी कई ऐसे कोचिंग सेंटर हैं। जिनमें ऐसी स्थिति में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहंीं है। हालांकि उक्त घटना के बाद कोचिंग सेंटर की निगरानी करने वाले संबंधित विभाग के अधिकारी भी सकते में हैं और उन्होंने अपने स्तर पर कठुआ में भी सेंटर चलाने वालों को सुरक्षा के पूरे प्रबंध करने के लिए निर्देश जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की है ताकि गुजरात जैसी घटना जहां भी न हो। इसके लिए पहले से ही प्रबंध किए जाएं और सेंटर चलाने वालों को अगाह कर दिया जाए। कठुआ शहर में 15 के करीब कोचिंग सेंटर है। जिनमें से 5 ही पंजीकृत हैं, उनमें से भी कईयों ने इस वर्ष पंजीकरण के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन दे रखा है। हालांकि उक्त सभी कोचिंग सेंटर पहले या दूसरे फ्लोर पर हैं,लेकिन वहां पर अधिकांश में विद्यार्थियों को प्रवेश करने के लिए एक ही सीढि़यों से होकर जाने का मात्र रास्ता है। ऐसे में अगर आपात स्थिति बन जाती है तो एक ही रास्ता होने पर भागने की स्थिति में अफरातफरी मच सकती है। जिससे अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि जहां भी ऐसे कोचिंग सेंटरों की निगरानी करने के लिए प्रशासन ने एक कमेटी बना रखी है। जिसमें जिला के एडीसी चेयरमैन है और शिक्षा विभाग के सीईओ सदस्य के रूप में शामिल हैं। जिनका काम कोचिंग सेंटरों में शिक्षा, फायर सर्विसेस विभाग द्वारा सुरक्षा के लिए तय की गई आवश्यक सुविधाओं की सुनिश्चिता होना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो गठित कमेटी उन पर कार्रवाई कर सकती है,लेकिन लगता है कि कठुआ में कमेटी ने शायद ही कभी वहां इमारत की सुरक्षा को चेक किया हो और तय सुविधाएं न होने पर कार्रवाई भी की हो। ऐसे में प्रशासन को इस घटना के बाद कम से कम सकते में आना चाहिए और जहा पर भी चल रहे कोचिंग सेंटरों में क्या सुरक्षित इमारतें हैं अगर है तो उसमें से कितने सेंटरों के पास प्रशासन की अनुमति है, अगर नहीं है, तो वो कैसे बिना अनुमति से जहा कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, प्रशासन इतनी बड़ी घटना के बाद क्या जहां के कोचिंग सेंटरों के मालिकों को भी सुरक्षा के उपाए जरूरी करने के लिए निर्देश जारी कर रहा है,क्योंकि सूरत की घटना के बाद इस तरह के सवाल अब हर किसी के मन में उठने लगे हैं, जब मामला बच्चों की सुरक्षा के साथ जुड़ा हो तो अभिभावकों में सवाल उठना स्वाभाविक है। दैनिक जागरण ने सूरत की घटना के बाद जिला कठुआ कोचिंग सेंटरों की पड़ताल की। जिसमें पाया गया कि यहा पर ऐसी स्थिति में बचने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।

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उनके पास फिलहाल पांच कोचिंग सेंटरों का पंजीकरण होने की जानकारी है,इनमें से भी कुछ की पंजीकरण की अवधि पूरी हो गई है,उन्होंने भी फिर से आवेदन किया है,लेकिन उनकी संख्या ज्यादा नहीं है,जब कि बिना अनुमति के भी दर्जन से ज्यादा कोचिंग सेंट चल रहे हैं,जिनकी जांच के लिए निगरानी कमेटी के चेयरमैन एडीसी के ध्यान में लाया जाएगा..

प्रेम नाथ, जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी कठुआ

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ये सही है कि सूरत जैसी दुखद घटना कहीं और स्थान पर लापरवाही से न हो,जिसे रोकने के लिए हमें पहले ही सतर्क रहना चाहिए। इसके लिए वो शहर में स्थित सभी कोचिंग सेंटर का औचक निरीक्षण कर उन्हें सुरक्षित इमारत में सेंटर चलाने और तय नियम के अनुसार सभी शर्ते पूरी करें,जिसमें मुख्य रूप से अग्निशामक का ऐसी इमारतों में होना जरूरी है,इसके अलावा ऐसी स्थिति में इमरजेंसी द्वार भी सुनिश्चित हो,ये देखा जाएगा..

घनश्याम सिंह, एडीसी, कठुआ

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