बासमती उत्पादन के लिए किसानों को किया प्रोत्साहित

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दियालाचक में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में किसानों को बासमती के उत्पादन के लिए कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग और आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 06:22 AM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 06:22 AM (IST)
बासमती उत्पादन के लिए किसानों को किया प्रोत्साहित
बासमती उत्पादन के लिए किसानों को किया प्रोत्साहित

जागरण संवाददाता,कठुआ : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दियालाचक में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में किसानों को बासमती के उत्पादन के लिए कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग और आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के सहयोग से कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में निदेशक कृषि उत्पादन एवं परिवार कल्याण जम्मू कमल किशोर शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की गुणवत्ता वाली बासमती के उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से बासमती की खेती को बढ़ाने का आह्वान किया। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और धान उत्पादन में विवेकपूर्ण रसायनों के उपयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाले कीटनाशक मुक्त बासमती चावल का उत्पादन किया जा सकता है।

भारत दुनिया में बासमती का नंबर वन निर्यातक

प्रधान वैज्ञानिक बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन डॉ. रितेश शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले बासमती के उत्पादन के लिए अच्छे कृषि अभ्यास पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में बासमती का नंबर 1 निर्यातक है और जम्मू बासमती की सबसे अधिक मांग है। निर्यात के लिए कीटनाशक मुक्त बासमती का उत्पादन करके क्षेत्र के विस्तार और किसानों की आय को दोगुना करने की काफी संभावनाएं हैं। आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव के अवसर पर बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन द्वारा कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से कठुआ बासमती में निर्यात गुणवत्ता (कीटनाशक अवशेष मुक्त) बासमती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक करने पर जोर दिया गया है।

कीटनाशकों के उपयोग के बारे में जानकारी दी

स्कॉस्ट जम्मू के विषय विशेषज्ञ डॉ. मगदेश्वर, डॉ. अमरीश वैद और डॉ. विशाल महाजन ने कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग को रेखांकित करते हुए एकीकृत कीट प्रबंधन और एकीकृत रोग प्रबंधन के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रगतिशील किसान एस. तजिदर सिंह, जगदीश राज और राजिदर सिंह ने बासमती की खेती के अपने अनुभव, मुद्दों और चुनौतियों को साझा किया। निदेशक कृषि के.के शर्मा ने विभाग द्वारा शुरू की गई किसानोन्मुखी पहलों का विस्तृत विवरण दिया।

जिले में 15,350 मीट्रिक टन उत्पादन होता है बासमती

कठुआ के मुख्य कृषि अधिकारी विजय उपाध्याय ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कठुआ जिले में बासमती का क्षेत्रफल 5614 हेक्टेयर है। इनमें 15350 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। जिले में उगाई जाने वाली बासमती की प्रमुख किस्में बासमती 1121, बासमती 370, बासमती 1718, बासमती 1509 आदि हैं।

बासमती उत्पादकों के प्रश्नों के दिए जवाब

कृषि विभाग की ओर से फसल को समय समय पर लगने वाली बीमारियों के मौके पर निदान और अनुशंसा के लिए स्वास्थ्य क्लिनिक का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक प्रश्न उत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रगतिशील बासमती उत्पादकों द्वारा उठाए गए प्रश्नों को संबंधित क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञों ने संतोषजनक जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांति किया। इस अवसर पर दयालाचक के उपमंडल कृषि पदाधिकारी प्रदीप शर्मा ने धन्यवाद किया। कठुआ जिले के बासमती उत्पादकों के अलावा एएस रीन, संयुक्त निदेशक कृषि, विपणन एवं फसल कटाई उपरांत प्रबंधन, राजन शर्मा, संयुक्त कृषि निदेशक विस्तार जम्मू के अलावा डीडीसी सदस्य अभिनंदन शर्मा, कर्ण कुमार अत्री,बीडीसी चेयरमैन राम लाल कालिया, सरपंचों, पंचों एवं किसानों ने भाग लिया।

फलदार पौधे लगाने के लिए किया प्रोत्साहित

संवाद सहयोगी, बनी : बागवानी अधिकारी राकेश कुमार भगत ने कहा कि पहाड़ी तहसील बनी में अखरोट और सेब का सबसे अधिक उत्पादन होता है। इसलिए किसानों को फलदार पौधों की तरफ अधिक ध्यान देना चाहिए। विभाग की ओर से सब्सिडी पर पौधे दिए जा रहे हैं और बाग लगाने के लिए सहायता भी दी जाती है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के टूल किट भी दिए जाते हैं

शुक्रवार को बनी के दूरदराज के गांव बनी के दूरदराज गाव रोलका में

बागवानी विभाग की ओर से आयोजित जागरूकता शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए बागवानी अधिकारी राकेश कुमार ने लोगों को अखरोट, सेब और नाशपाती के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।

रोलका की सरपंच बिमला देवी की देखरेख में आयोजित शिविर में करीब 50 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंचायत के लोगों को भी सब्सिडी पर दी जाने वाली इन चीजों का लाभ उठाना चाहिए ताकि किसानों को बागवानी से आíथक मदद मिल सके। इस अवसर पर सरपंच बिमला देवी ने इस जागरूकता शिविर को लगाने के लिए बागवानी विभाग का आभार व्यक्त किया।

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