Coronavirus in J&K: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आ रहा है युवा वर्ग, पढ़ें किस जिले में कोरोना से सांसें थमीं

अब जम्मू-कश्मीर में कम उम्र के लोगों की भी कोरोना से मौत होने लगी है। मरने वालों में एक 19 साल की लड़की भी शामिल है। इस महीने अभी तक जम्मू-कश्मीर में 86 मरीजों की मौत हो चुकी है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:01 PM (IST)
Coronavirus in J&K: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आ रहा है युवा वर्ग, पढ़ें किस जिले में कोरोना से सांसें थमीं
इस महीने अभी तक जम्मू-कश्मीर में 86 मरीजों की मौत हो चुकी है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। कुछ दिन पहले तक जहां विभिन्न प्रकार के रोगों से पीड़ित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की ही कोरोना से मौत हो रही थी। वहीं अब कम उम्र के लोगों की भी कोरोना से मौत होने लगी है। मरने वालों में एक 19 साल की लड़की भी शामिल है। इस महीने अभी तक जम्मू-कश्मीर में 86 मरीजों की मौत हो चुकी है। पहले मरने वालों में अधिकांश की उम्र 60 से नब्बे साल के बीच में थी। लेकिन अब कम उम्र के लोग भी मरने लगे हैं। बडगाम की रहने वाली 19 साल की लड़़की अस्पताल में पांच दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद बुधवार को दम तोड़ गई।

वहीं कटड़ा की रहने वाली 34 वर्षीय महिला ने वीरवार तड़के तीन बजे जीएमसी जम्मू में दम तोड़ा। इसी तरह ऊधमपुर के रहने वाले 35 वर्ष के व्यक्ति की भी वीरवार को मौत हुई। उसे जिला अस्पताल ऊधमपुर से जीएमसी जम्मू में मृत लाया घोषित किया गया। यही नहीं छन्नी हिम्मत के रहने वाली 40 साल और गांधीनगर के रहने वाले 39 वर्षीय व्यक्ति नेे भी दम तोड़ा। कठुआ के रहने वाले 42 वर्षीय व्यक्ति ने भी दम तोड़ा।

कश्मीर डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डा. निसार-उल-हसन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से अधिक घातक है। कश्मीर की 19 वर्ष की लड़की को सांस लेने में दिक्कत थी और उसे निमोनिया की शिकायत थी। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस साल कोरोना संक्रमण से दम तोड़ने वाली वह सबसे युवा मरीज है। संक्रमण से उसके फेफडे़, किडनी और दूसरे अंग खराब हाे गए थे। दूसरी लहर शरीर के कई अंगों को एक साथ प्रभावित कर रही है। कई युवा अस्पतालों में भर्ती हो रहे है और कइयों की जान भी जा रही है। पहली लहर में बुजुर्ग अधिक प्रभावित हो ररहे थे। कई मामलों में आरटीपीसीआर टेस्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही है लेकिन जब सिटी स्कैन करवाया जाए तो उसमें पुष्टि हो जाती है।

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