Yatri Niwas in Ramban : रामबन में बनेगा यात्री निवास, 4500 लोगों को ठहराया जा सकेगा
बसीर ने उपायुक्त रामबन को आगामी सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी तरह के राहत केंद्रों को सक्रिय करने का निर्देश दिया। यह आपदा केंद्र राष्ट्रीय राजमार्ग पर अचानक सड़क जाम होने की स्थिति में फंसे यात्रियों की मदद करने में मदद करेंगे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : बारिश हो या फिर भूस्खलन। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अब पहले की तरह सड़क पर रात नहीं गुजारनी पड़ेगी। रामबन के निकट चंद्रकोट में यात्री निवास जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। इसमेें आपात हालात में 4500 लोगों को ठहराया जा सकेगा।
उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर खान ने बुधवार को चंद्रकोट में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा की जा रही ट्रांजिट आवासीय सुविधा (यात्री निवास) का जायजा लिया। उन्होंने सर्दियों के दौरान राजमार्ग पर पैदा होने वाली आपात परिस्थितियो मेें लोगों की सुविधा के लिए होल्डिंग प्वाइंट को भी जांचा।
सलाहकार ने यात्री निवास में जलापूर्ति, बिजली आपूर्ति, सुरक्षा और पाॄकग व्यवस्था की समीक्षा की। सभी संबंधित विभागों को काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अलावा निर्धारित समय सीमा के भीतर काम पूरा करने का निर्देश दिया। सीपीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि यात्री निवास का निर्माण 23.3 कनाल भूमि पर 32.16 करोड़ से किया जा रहा है। इस 17 तिमंजिला ड्रामेटरी होंगी।
बसीर ने उपायुक्त रामबन को आगामी सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी तरह के राहत केंद्रों को सक्रिय करने का निर्देश दिया। यह आपदा केंद्र राष्ट्रीय राजमार्ग पर अचानक सड़क जाम होने की स्थिति में फंसे यात्रियों की मदद करने में मदद करेंगे। इन आपदा केंद्रों को अच्छी तरह से सुसज्जित किया जाना चाहिए और कंबल, हीटिंग, गैस, चिकित्सा सुविधाएं, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, हाई मास्ट लाइट, पार्किंग सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
प्रत्येक कैंप के लिए एक कैंप प्रभारी होना चाहिए जो राष्ट्रीय राजमार्ग -44 के बंद होने या मौसम खराब होने के कारण फंसे यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होगा। सलाहकार ने जिले में बिजली विकास विभाग के कामकाज का भी जायजा लिया।
उन्होंने सबंधित अधिकारियों को सभी पुराने तार, क्षतिग्रस्त खंभे और कंडक्टर तुरंत बदलने के निर्देश दिए, ताकि आने वाली सॢदयों में उपभोक्ताओं को बिजली की यथासंभव नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित बनाया जा सके