Ban Toll Plaza Encounter: नगरोटा में मारे गए आतंकियों के ट्रक पर लिखा था-मौत का कोई वक्त नहीं होता
जम्मू जिले के बन टोल प्लाजा पर मारे गए चारों आतंकियों ही नहीं ट्रक पर लिखे शब्दों की भी अलग कहानी है। ट्रक में छिपे आतंकियों को पता था कि उनकी मौत तय है। जिस ट्रक में आतंकी छिपे थे उसके बंपर पर लिखा था- डैथ कीप्स नो कलैंडर।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू जिले के बन टोल प्लाजा पर मारे गए चारों आतंकियों ही नहीं, ट्रक पर लिखे शब्दों की भी अलग कहानी है। ट्रक में छिपे आतंकियों को पता था कि उनकी मौत तय है। जिस ट्रक में आतंकी छिपे थे उसके बंपर पर लिखा था- डैथ कीप्स नो कलैंडर।
यह शब्द बड़े अक्षरों में लाल पेंट से लिखे थे। इसका मतलब है- मौत का कोई वक्त नहीं होता। यह कहां, कब आ जाए और किस जगह आए इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं होती। इस नारे को लिखे पेंट को देखकर लगता है कि यह हाल ही में लिखवाया गया था।
जम्मू के नगरोटा के पास बन टोल प्लाजा पर वीरवार की सुबह चार आतंकियों को मार गिराया था। ये चारों आतंकी एक ट्रक में छिपकर कश्मीर जा रहे थे। इनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद मिला है। ट्रक चालक फरार है। यह ट्रक कश्मीर में फारूक अहमद तांत्रे के नाम से पंजीकृत है। ऐसा भी माना जा रहा है कि डैथ कीप्स नो कलैंडर नारा इसलिए भी लिखाया गया ताकि आतंकी ट्रक को आसानी से पहचान लें।
सुरक्षा एजेंसियां इसे आतंकियों के लिए कोड वर्ड के रूप में भी मान रही हैं। ऐसा भी हो सकता है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हैंडलरों ने कश्मीर में सक्रिय ओवरग्राउंड वर्करों से कहकर यह नारा कोड वर्ड में लिखाया हो। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि चारों आतंकियों ने कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर और सांबा सेक्टर से वीरवार रात को घुसपैठ की थी।
अंदेशा जताया जा रहा है कि चारों आतंकी अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगता पठानकोट-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रक में बैठे हों। इस ट्रक की पहचान आतंकियों ने ट्रक के बंपर में लिखे डैथ कीप्स नो कलैंडर और ट्रक के रजिस्ट्रेशन नंबर को देखकर की हो। इससे पहले इसी वर्ष 31 जनवरी को आतंकवादियों ने इसी सेक्टर से घुसपैठ की थी, तब भी रात का समय था। हालांकि तब तीनों आतंकी बन टोल प्लाजा पर मारे गए थे, लेकिन ट्रक ड्राइवर ङ्क्षजदा पकड़ लिया गया था।
ट्रक ड्राइवर को उस समय पाकिस्तान में बैठै हैंडलरों ने सांबा के पास नेशनल हाईवे पर आतंकियों को बैठाने के लिए जगह भी बताई थी। तब ट्रक की पहचान के लिए ट्रक की चारों पार्किंग लाइट ऑन रखने को कहा गया था ताकि आतंकियों को पहचानने में परेशानी न हो। अब सुरक्षा बलों से बचने के लिए आतंकियों के हैंडलरों ने ट्रक के बंपर पर कोड वर्ड लिखवाया। इस एंगल से भी सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं।