World Migratory Bird Day 2021: लोगों में बढ़ रहा प्रवासी परिंदों को जानने का जनून

जम्मू-कश्मीर के मुख्य वनरक्षक रहे डा. ओपी शर्मा का कहना है कि जागरूकता से ही लोगों में जागृति आई है। लेकिन अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। हमें बच्चे बच्चे को जागरूक बनाना है ताकि एक वातावरण तैयार हो सके कि हमारा इन परिंदों से करीबी रिश्ता हो जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:43 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:43 AM (IST)
World Migratory Bird Day 2021: लोगों में बढ़ रहा प्रवासी परिंदों  को जानने का जनून
परिंदों पर अध्ययन करने वालों की संख्यां भी बढ़ने लगी है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: कुछ बरस पहले, चंद ही लोग प्रवासी पक्षियों को जानने के इच्छुक थे, लेकिन अब यह शौक बढ़चढ़ कर परवान चढ़ रहा है। बूढ़ा, बच्चा हो या जवान, सब परिंदों की दुनिया को देखना व समझना चाहते है और इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है। इसका अंदाजा इस बात से चल जाता है कि जम्मू कश्मीर में प्रवासी पक्षियों पर फोटो खींचने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है।

वेटलैंड क्षेत्रों पर पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है। स्कूल, कालेज में प्रवासी पक्षियों पर अब लेक्चर भी दिए जाने लगे हैं। इससे अन्य विद्यार्थी वर्ग में शौक और परवान चढ़ने लगा है। प्रवासी परिंदों के बसेरों से भी इको टूरिज्म का ख्याल उभरा है। विश्व अब प्रवासी पक्षी दिवस मना रहा है ताकि हम लोग कुदरत की यह नायाब दुनिया को बेहतर तरीके से जान सकें और इनके संरक्षण के बारे में भी सोच सकें।

जम्मू की बात करें तो घराना वेटलैंड जोकि प्रवासी पक्षियों का सबसे बड़ा क्षेत्र है, पिछले कुुछ बरसों से लोगों में मशहूर हो गया है। यहां पर प्रमुख तौर पर 40 प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हर साल सर्दियों में कुछ समय गुजारने के लिए आती है। लेकिन हर साल कोई न कोई नई प्रजाति का पक्षी दिख जाता है। इस क्रम ने लोगों में एक दिलचस्पी पैदा कर दी है कि परिंदों पर अध्ययन करने वालों की संख्यां भी बढ़ने लगी है।

जम्मू कश्मीर के मुख्य वनरक्षक रहे डा. ओपी शर्मा का कहना है कि जागरूकता से ही लोगों में जागृति आई है। लेकिन अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। हमें बच्चे बच्चे को जागरूक बनाना है ताकि एक वातावरण तैयार हो सके कि हमारा इन परिंदों से करीबी रिश्ता हो जाए।

वहीं पर्यावरणविद्ध् सीएम शर्मा का कहना है कि उन्होंने देखा कि कई साल पहले घराना में कुछ प्रवासी पक्षी इंसान से बहुत दूर रहते थे। लेकिन अब हैरान हूं कि यह पक्षी नजदीक तक आने लगे हैं। पक्षियों का अहसास हुआ है कि यह इंसान इनका शत्रु नही है। इस भाव को हमें और गहरा करना है। इसी से ही प्रवासी परिंदों का संरक्षण हो पाएगा।

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