World Heritage Day: जल्द दिखेगा डोगरा धरोहरों का पुराना स्वरूप, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जीर्णोद्धार कार्य में आई तेजी

World Heritage Day मानसर को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने 16.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर लिया हुआ है।उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं कि पर्यटकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 12:35 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:35 PM (IST)
World Heritage Day: जल्द दिखेगा डोगरा धरोहरों का पुराना स्वरूप, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जीर्णोद्धार कार्य में आई तेजी
मुबारक मंडी के संरक्षण को लेकर उनकी छह बैठकें हो चुकी हैं।

जम्मू, अशोक शर्मा: विरासत के सरंक्षण को लेकर जिस तरह का काम वर्षो पहले होना चाहिए था बेशक नहीं हुआ है लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विरासत के संरक्षण का लेकर गंभीरता झलक रही है। जिस तरीके से काम चल रहे हैं। उसे देखते हुए लगता है कि ऐतिहासिक मुबारक मंडी के अलावा मानसर हवेली, लड्डन कोटली फोर्ट ऊधमपुर, जसरोटा फोर्ट, सांबा फोर्ट आदि का संरक्षण कार्य इस वर्ष से दिखने लगेगा । वहीं ऐतिहासिक मुबारक मंडी के तीसरे चरण का कार्य जारी है। जिस तरीके से जीर्णोद्धार कार्य चल रहे हैं,उसे देखते हुए लगता है कि जल्द डोगरा धरोहरों का पुराना स्वरूप दिखने लगेगा।

प्राकृतिक सौंदर्य के बीच मानसर हवेली का जीर्णोद्धार कार्य तेजी से जारी है और यह कार्य सितंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है ।18वीं शताब्दी में बनी इस हवेली को डोगरा शासकों ने बनवाया था। अक्सर वह वहां ठहरते थे। माना जाता है कि महाराजा रंजीत सिंह भी एक दिन वहां रुके थे। काफी देर से इसकी हालत जर्जर थी लेकिन अब जीर्णोद्धार कार्य होने के बाद इसका पुराना स्वरूप दिखने लगा है।

पहले चरण में अवांछित पौधों को हटाया गया। उसके बाद दीवारों को साफ करवाया गया। इसकी मूल कला के सरंक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस समय मानसर हवेली के संरक्षण का काफी कार्य हो चुका है। हमारे पास इस प्रकार की कई विरासत संरचनाएं हैं, जो क्षेत्र के विभिन्न हिस्सो में हैं। लेकिन मानसर हवेली के जीर्णोद्धार का कार्य प्राथमिकता पर करवाया जा रहा है।मानसर क्योंकि पर्यटन स्थल है और इस हवेली के जीर्णोद्धार के बाद इस क्षेत्र का आकर्षण और बढ़ने की उम्मीद है। यह झील के किनारे पर स्थित है ।लोग इस समय भी इस हवेली को देखने पहुंचते हैं ।

मानसर को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने 16.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर लिया हुआ है।उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं कि पर्यटकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जाए।मानसर झील के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरण महत्व को ध्यान में रखकर इसका संरक्षण किया जाए ।उपराज्यपाल ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं। मुबारक मंडी के संरक्षण को लेकर उनकी छह बैठकें हो चुकी हैं।

पैसे की कोई कमी नहीं- जल्द होगा कई ऐतिहासिक स्मारकों का जीर्णोद्धार : मुनीर-उल- इस्लाम

निदेशक पुरातत्व एवं अभिलेखागार डा. मुनीर-उल-इस्लाम ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ऐतिहासिक स्मारकों के नवीकरण के लिए निरंतर पैसा मिल रहा है ।तकनीकी लोगों की कमी के चलते काम ज्यादा तेजी से संभव नहीं हो पा रहे। लेकिन पैसे की कोई कमी नहीं है। मानसर हवेली को संरक्षित करने के लिए पिछले साल 68 लाख रुपये की अनुमानित लागत को मंजूरी दी गई थी ।जिसमें से 40 लाख रुपये जारी किए गए थे ।पिछले वर्ष कोरोना के चलते हालात अनुकूल नहीं रहे। जिस काम प्रभावित हुआ लेकिन इन दिनों काम तेजी से चल रहा है। जम्मू के जाफर चक्क में ऐतिहासिक मस्जिद के नवीनीकरण के लिए 31.46 लाख रुपए की अनुमानित लागत थी। जिसमें से 13.88 आवंटित किया गया था।

उधमपुर में लड्डन कोटली किले के नवीनीकरण और मरम्मत के लिएए 99.15 लाख रुपये की अनुमानित लागत थी। जिसमें से 45 लाख रुपये दो किस्तों में जारी किए गए। सांबा में मानसर हवेली की मरम्मत और नवीकरण के लिए 68.54 लाख रुपये की अनुमानित लागत थी। जिसमें से 40 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं और डोगरा कला संग्रहालय, जम्मू के नवीकरण और मरम्मत के लिए 8.79 लाख रुपये की अनुमानित लागत थी, जिसमें से 7.50 रुपये आवंटित किए गए थे। जसरोटा फोर्ट और सांबा फोर्ट की डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। एक-एक कर सभी ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी