Jammu: महिलाएं अपनी आवाज उठाएं, परिस्थितियों से घरबराएं नहीं
लड़कियों भी खुद को अब कमतर नहीं समझती हैं। वे नित नए मुकाम हासिल कर रही हैं। आज लड़कियां इंजीनियर हैं डाक्टर हैं और हवाई जहाज भी उड़ा रही हैं। वे सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा भी करने का काम कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : महिलाओं ने खुद को पुरुषों के बराबर साबित किया है। वो किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। वह अपने काम व परिवार को साथ लेकर चलती हैं और कभी कमजोर नहीं पड़ती। इसलिए महिलाएं परिस्थितियों से घबराए नहीं अपनी आवाज उठाएं।
यह बातें यूनेस्को की चेयरमैन डा. नवनीत कौर ने अंतररष्ट्रीय महिला दिवस पर वीरवार को महिला कालेज गांधी नगर में आयोजित कार्यशाला में कहीं। उन्होंने कहा कि आज समाज में महिलाओं को लेकर बहुत जागृति आई है। लोग लड़के और लड़की में अब पहले की तुलना में कम भेदभाव करते हैं। लड़कियों भी खुद को अब कमतर नहीं समझती हैं। वे नित नए मुकाम हासिल कर रही हैं। आज लड़कियां इंजीनियर हैं, डाक्टर हैं और हवाई जहाज भी उड़ा रही हैं। वे सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा भी करने का काम कर रही हैं।
कई ऐसी लड़किया हैं, जिन्होंने अपने इस लायक बनाया कि वे देश में कई बड़े उद्यमों में अपना लोहा मनवा रही हैं। महिला कालेज गांधी नगर में हुई कार्यशाला में महिलाओं की समाज में विभिन्न भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। इस मौके पर यूनेस्को की चेयरमैन डा. नवनीत कौर रिसोर्स पर्सन थीं। कार्यशाला में नेशनल हयूमन राइट सोशल जस्टिस काउंसिल के कार्यकारी निदेशक डा. एमआइ जरगर ने भी भाग लिया। इस कार्यशाला का आयोजन उन महिलाओं का पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से किया गया जिन्होंने समाज में अपना विशेष स्थान बनाकर खुद को सशक्त किया।
कार्यशाला में महिला कालेज गांधी नगर के ¨प्रसिपल प्रो. सुनील उप्पल भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. भारती सलाथिया ने किया जबकि प्रो. सुदेश कुमार ने धन्यवाद भाषण पेश किया। कार्यशाला के आयोजन में डा. बनप्रीत कौर, प्रो. अमितपाल कौर, प्रो. भानुप्रिया, प्रो. मीना, डा. रचना और प्रो. अर्चना की विशेष भूमिका रही।