Jammu : शहीदों को सलामी देने खारदुंगला पहुंची विजय मशाल, अब लेह में शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम

खारदुंगला में शहीदों को सलामी देने के बाद सेना की विजय मशाल शहीदों को श्रद्धांजलि देने व पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के लिए लेह की ओर रवाना हो गई।खारदुंगला से पहले विजय मशाल को कारगिल में 17730 फीट की उंचाई पर शोरबत ला इलाके में ले गया था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:33 PM (IST)
Jammu : शहीदों को सलामी देने खारदुंगला पहुंची विजय मशाल, अब लेह में शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम
विजय मशाल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क खारदुंगला पहुंची।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में लद्दाख आई सेना की विजय मशाल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क खारदुंगला पहुंची। लेह के खारदुंगला में करीब अठारह हजार फुट की ऊंचाई पर शून्य से नीचे के तापमान में लंबा सफर तय कर पहुंची विजय मशाल को सेना के साथ सीमा सड़क संगठन के जवानों ने स्वीकार किया। इस मौके पर उन वीरों को सलामी दी जो वर्ष 1971 में लद्दाख के दुर्गम हालात में पाकिस्तान को कड़ी शिकस्त देते शहीद हुए थे।

खारदुंगला में शहीदों को सलामी देने के बाद सेना की विजय मशाल 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने व पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के लिए लेह की ओर रवाना हो गई।खारदुंगला से पहले विजय मशाल को कारगिल में 17,730 फीट की उंचाई पर शोरबत ला इलाके में ले गया था। इस इलाके में लड़ी गई लड़ाई में कई लद्दाखी सैनिकों ने वीरगति पाई थी। विजय मशाल को लेह में भी ऐसी जगहों पर ले जाया जाएगा यहां पर सेना के जवानों ने देश की सरहदों की रक्षा करते हुए वीरगति पाई थी।

इसके साथ लेह में सेना की चौदह कोर मुख्यालय में भी विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। लद्दाख के शहीदों के योगदान को याद करने के लिए सेना की विजय मशाल 24 जुलाई को कश्मीर से कारगिल पहुंची थी। कारगिल दिवस समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कारगिल में विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रम शुरू हो गए थे।

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