Vijay Mashaal In Kashmir: तिरंगे के साथ कश्मीर यात्रा पर विजय मशाल, अनंतनाग पहुंचने पर स्वागत में हुए देशभक्ति कार्यक्रम

विजय मशाल ने जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से इस वर्ष चार अप्रैल को प्रवेश किया था। 15 जून तक जम्मू संभाग के सैन्य स्टेशनों में कार्यक्रम हुए। इसके बाद यह कश्मीर के सफर पर निकली है। भारतीय सेना पाकिस्तान पर जीत का स्वर्णिम विजय वर्ष मना रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:18 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:18 AM (IST)
Vijay Mashaal In Kashmir: तिरंगे के साथ कश्मीर यात्रा पर विजय मशाल, अनंतनाग पहुंचने पर स्वागत में हुए देशभक्ति कार्यक्रम
स्वर्णिम विजय मशाल कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में लोगों को देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत करेगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारतीय सेना के रणबांकुरों की वीरता की कहानियां समेटे स्वर्णिम विजय मशाल अपने पथ पर अग्रसर है। दिल्ली से चली यह विजय मशाल अब कश्मीर पहुंच गई है। तिरंगे के साथ यह मशाल वर्तमान में अनंतनाग जिले में है। पूरे यात्रा मार्ग में पडऩे वाले सैन्य शिविरों में इसके स्वागत में कार्यक्रम हुए हैं। स्वर्णिम विजय वर्ष के जश्न के इस यात्रा में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सम्मानित किया जा रहा है। युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैनिक इन कार्यक्रमों में शहीदों की वीरता की कहानियां सुना रहे हैं।

विजय मशाल ने जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से इस वर्ष चार अप्रैल को प्रवेश किया था। 15 जून तक जम्मू संभाग के सैन्य स्टेशनों में कार्यक्रम हुए। इसके बाद यह कश्मीर के सफर पर निकली है। भारतीय सेना पाकिस्तान पर जीत का स्वर्णिम विजय वर्ष मना रही है। विजय मशाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से रवाना किया था। बुधवार को अनंतनाग जिले के खन्नाबल में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर मुख्यालय में विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के शहीदों को सलामी दी गई।

विजय मशाल को भारत माता के जयकारों के साथ बुधवार को रैली के रूप में वुजुर से खन्नाबल तक ले जाया गया। खन्नाबल में राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर कमांडर ने विजय मशाल का स्वागत करते हुए उसे अपने हाथ में थामा। जम्मू संभाग से विजय मशाल के कश्मीर के वुजुर में पहुंचने पर राष्ट्रीय राइफल्स के कमान अधिकारी ने इसका स्वागत किया था।

खन्नाबल में विजय मशाल के सम्मान में हुए कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने तिरंगे लहराकर स्वागत किया। बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस मौके पर सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ युद्ध में हिस्सा लेने वाले कई पूर्व सैनिक भी मौजूद थे। सेक्टर मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में देश सेवा कर चुके 55 पूर्व सैनिकों के साथ 13 वीर नारियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अनंतनाग के गणमान्य लोगों में हिलाल अहमद शाह, अनंतनाग के अतिरिक्त जिलाधीश, पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

अब श्रीनगर की ओर बढ़ेगी विजय मशाल: विजय मशाल अब श्रीनगर की ओर बढ़ेगी। श्रीनगर के बादामी बाग स्थित चिनार कोर मुख्यालय के अलावा सेना की विक्टर फोर्स व अन्य मिलिट्री स्टेशनों में शहीदों को सलामी दी जाएगी। यहां भी कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व सैनिकों व वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में सेना के अधिकारियों, जवानों, एनसीसी कैडेट्स और स्थानीय लोग हिस्सा लेंगे। स्वर्णिम विजय मशाल कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में लोगों को देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत करेगी। 

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