Covid Vaccination: पहले सप्ताह में जम्मू-कश्मीर के 11,647 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण, बारिश और बर्फबारी के कारण टीकारण पर पड़ा असर

पहले सप्ताह में अभी तक 11647 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण हो गया है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुुसार शनिवार को टीकाकरण के लिए कम स्वास्थ्य कर्मी आगे आए। रामबन और रियासी जिलों में टीकाकरण नहीं हुआ।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 08:52 PM (IST)
Covid Vaccination: पहले सप्ताह में जम्मू-कश्मीर के 11,647 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण, बारिश और बर्फबारी के कारण टीकारण पर पड़ा असर
दो दिनों की तेजी के बाद शनिवार को खराब मौसम का असर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण पर भी पड़ा

जम्मू, राज्य ब्यूरो : दो दिनों की तेजी के बाद शनिवार को खराब मौसम का असर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण पर भी पड़ा। शनिवार को कुल 1820 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। इसके साथ ही पहले सप्ताह में अभी तक 11,647 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण हो गया है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुुसार शनिवार को टीकाकरण के लिए कम स्वास्थ्य कर्मी आगे आए। रामबन और रियासी जिलों में टीकाकरण नहीं हुआ। अन्य अठारह जिलों में 1820 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगाए। इनमें 1075 जम्मू संभाग और 745 कश्मीर संभाग में शामिल हैं।

जम्मू जिले में सबसे अधिक 363 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीकाकरण करवाया। एक दिन पहले जम्मू जिले में सात सौ सो अधिक स्वास्थ्य कर्मियाें ने वैकीन लगवाई थी। मगर शनिवार को खराब मौसम का टीकाकरण पर साफ असर देखने को मिला। रियासी और रामबन जिलों में शनिवार को टीकाकरण की सूचना होने की जानकारी देरी से मिलने और सूची न मिलने के कारण अभियान नहीं चल पाया। रामबन के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि जिले में बनिहाल में टीकाकरण होता है लेकिन आज नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि अब सोमवार से नियमित रूप से अभियान चलाया जाएगा। वहीं रियासी के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि टीकाकरण की सूचना देरी से मिलने के कारण शनिवार को टीकाकरण नहीं हो पाया।

वहीं अब स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। विभागीय प्रमुख अपने अपने अणीने आने वाले कर्मचारियों को स्वयं टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकांश अधिकारी अब खुद भी टीके लगवा चुके हैं। उनका कहना है कि टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जम्मू-कश्मीर में एक लाख सात हजार स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीके लगने हैं।

chat bot
आपका साथी