कश्मीर के उजैर फैयाज श्रीनगर से दिल्ली तक दौड़े, 940 किलोमीटर का सफर सात दिन में किया पूरा
उजैर फैयाज खान ने श्रीनगर से दिल्ली तक 940 किलोमीटर की दूर पैदल ही सात दिन में पूरी कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। लेकिन पैसे की तंगी के चलते वह चाहकर भी अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज नहीं करा पाया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उजैर फैयाज खान ने श्रीनगर से दिल्ली तक 940 किलोमीटर की दूर पैदल ही सात दिन में पूरी कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। लेकिन पैसे की तंगी के चलते वह चाहकर भी अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस, इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज नहीं करा पाया है।
डाउन-टाउन श्रीनगर के रहने वाला 25 वर्षीय उजैर फैयाज खान बचपन से ही एक अच्छा धावक बनने का ख्वाब रखता आया है। घाटी में शायद ही कोई ऐसी मैराथन या दौड़ प्रतियोगिता होगी, जिसमें उसने हिस्सा न लिया हो। अमर सिंह कॉलेज में बीए सायकाेलाजी के छात्र उजैर ने कहा कि उसने 2 अप्रैल 2021 को बख्शी स्टेडियम श्रीनगर से दिल्ली के लिए अपनी दौड़ शुरु की थी। डीएसपी ट्रैफिक श्रीनगर गुलाम हसन ने हरी झंडी दिखाकर मुझे रवाना किया था। आठ अप्रैल 2021 को राजघाट में सीआरपीएफ के जवानों व अधिकारियों ने मेरी आगवानी की थी। उन्होंने मुझे फूलों का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित भी किया।
उजैर ने कहा कि उसने इस यात्रा के लिए करीब सात माह तक अपने कोच मुश्ताक अहमद बट की निगरानी में कड़ा अभ्यास किया। उसने कहा कि मैने यह दौड़ युवाओं में नशाखोरी के खिलाफ जागरुकता पैदा करने के लिए लगाई थी। उसने कहा कि रास्ते में वह जहां से भी गुजरा लाेगों ने उसका मनोबल बढ़ाया। उसने बताया कि श्रीनगर से दिल्ली तक दौड़ लगाने से पूर्व वह श्रीनगर से सोनमर्ग, श्रीनगर से पहलगाम और श्रीनगर से गुलमर्ग तक भी दौड़ लगा चुका है।
उसने कहा कि दिल्ली तक दौड़ना आसान नहीं था, क्योंकि मौसम का बड़ा फर्क है। कई बार रास्ते में पैर भी चोटिल हुए,लेकिन उसके कदम नहीं रुके और वह रिकार्ड समय में राजघाट पहुंच गया। दौड़ के लिए वित्तीय मदद व अन्य संसाधनों के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि कुछ लोगों ने थोड़ी बहुत मदद की,लेकिन ज्यादातर राशि उसे अपनी ही जेब से खर्च करनी पड़ी है।
उसने कहा कि श्रीनगर से दिल्ली तक की दूरी सात दिन में पूरी करने का रिकॉर्ड बनाने के बाद इसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस, इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस और वक्र्स रिकॉर्ड ऑफ इंडिया दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन पैसे की किल्लत से ऐसा नहीं हो पाया। खैर, कोई बात नहीं। अब मैंने अपने लिए एक नया लक्ष्य तय किया है और अगर खुदा ने चाहा तो वह विश्व रिकॉर्ड बन सकता है।
उजैर ने कहा कि मै अपनी दौड़ से युवाओं काे सिर्फ यह समझाना चाहता हूं कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। उन्हें नशाखोरी और अन्य बुराईयों से पूरी तरह दूर रहकर अपनी कौम,समाज की सेवा करनी चाहिए।