Jammu Kashmir : उर्दू कवि तकी अबीदी बोले- भारत के हर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा बने गुलजार की 'त्रिवेनी'

गुलज़ार ने कहा कि जम्मू के यूनिवर्सिटी उनकी त्रिवेनी पर एक वेबिनार का आयोजन करने के लिए बधाई की पात्र है। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार धर के प्रयासों की सराहना की जो संस्कृति और भाषा के उत्थान के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

By VikasEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 02:45 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 02:45 PM (IST)
Jammu Kashmir : उर्दू कवि तकी अबीदी बोले- भारत के हर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा बने गुलजार की 'त्रिवेनी'
जम्मू यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग की ओर से गुलजार की त्रिवेनी विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग की ओर से गुलजार की त्रिवेनी विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें उर्दू के दुनिया भर उर्दू विद्वानों ने भाग लिया। प्रतिष्ठित उर्दू कवि और कनाडा के आलोचक डा. तकी अबीदी वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। इस वेबिनार की अध्यक्षता जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. मनोज कुमार धर ने की। इस अवसर पर एक प्रसिद्ध कवि, फिल्म निर्माता और लेखक सम्पूर्ण सिंह गुलज़ार मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर पर गुलज़ार ने कहा कि जम्मू के यूनिवर्सिटी उनकी त्रिवेनी पर एक वेबिनार का आयोजन करने के लिए बधाई की पात्र है। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार धर के प्रयासों की सराहना की, जो संस्कृति और भाषा के उत्थान के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। गुलज़ार ने बताया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान की 24 भाषाओं में उनकी कुछ कविताओं का अनुवाद किया है। पुस्तक हाल ही में प्रकाशित हुई है और यह उनकी नौ वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। गुलजार ने अपने नवीनतम त्रिवेनी के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में, जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. मनोज कुमार धर ने जम्मू विश्वविद्यालय के प्रति विशेष रुचि के लिए गुलज़ार और डा. ताक़ी आबदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि जम्मू विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन गुलजार साहब ने अपनी रचनाओं से किया था। जिस तरह वह पहले जम्मू यूनिवर्सिटी आए थे। यूनिवर्सिटी चाहेगी कि कोविड-19 के बाद वह एक बार यहां आएं स्वर्ण जयंती समारोह का आगे बढ़ाएं।

इससे पहले डा. ताकी आबदी ने गुलज़ार द्वारा लिखित त्रिवेनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि त्रिवेनी कविता के तीन छंदों पर आधारित है। लेखक रोमांटिक रूप से रूचि के साथ-साथ त्रिवेनी में सामाजिक विषयों का भी निर्माण कर सकते हैं। उनकी त्रिवेनी को भारत के हर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में पेश किया जाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी कविता के नए रूप के बारे में जान सके। उन्होंने आगे कहा कि गुलज़ार भारत में समग्र संस्कृति का प्रतीक है और उर्दू सभ्यता का भी प्रतीक है। जिन्होंने कई कहानियों का संग्रह लिखा है। उनकी त्रिवेनी प्रभावशाली होने के साथ-साथ आकर्षक भी है।

स्वागत भाषण में डीन फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एवं एचओडी उर्दू ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने गुलज़ार को उर्दू भाषा और साहित्य का खजाना बताया, जिन्होंने अपनी कविता से दुनिया भर में उर्दू फिल्म को लोकप्रिय बनाया था। उन्होंने आपसी समझ और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया है।

जम्मू विश्वविद्यालय के छात्रों ने गुलज़ार लघु कथाओं पर एक पुस्तक लिखी है, जो स्वर्ण जयंती समारोह के समारोह के अवसर पर जारी की जाएगी। जिसके लिए गुलज़ार साहब जम्मू विश्वविद्यालय की यात्रा करेंगे। प्रो. शोहाब इनायत मलिक के निमंत्रण को गुलज़ार ने पूरे दिल से स्वीकार किया। प्रो. शोहाब इनायत मलिक ने भी दर्शकों और श्रोताओं के लिए डा. ताकी अबीदी का परिचय दिया।  

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