केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा- पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य सरकारें नहीं मानती
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पेट्रोल पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों टैक्स लगाती हैं। केंद्र सरकार एक लीटर पर 32 रुपये एक्साइज टैक्स लगती है। लेकिन यह बताना जरूरी है कि इसका उपयोग कहां पर होता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि केंद्र सरकार तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार है लेकिन कोई भी राज्य सरकार नहीं चाहती है कि इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया जाए। उन्होंने पेट्रोल और डीजल की बढ़ रही कीमतों के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकारों को भी जिम्मेदार ठहराया।
जम्मू के दो दिवसीय दौर पर आए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वीरवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों पर लगातार नजरें रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि वित्त मंत्रालय के नीचे जीएसटी काउंसिल में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अधीन रखने का काम किया जाए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने राज्य सरकारों से जब इस बारे में उनकी राय जानी तो कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य सरकार पेट्रोल,डीजल के अलावा एक्साइज टैक्स कभी भी कम नहीं करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल के दाम जीएसटी के दायरे में लाने में कोई ऐतराज नहीं है लेकिन हमारा संविधान केंद्र सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता। यह सब राज्य सरकारों की सहमति के आधार पर ही होगा।
पुरी ने कहा कि यह विषय राजनीतिक रोटी सेकने वाला नहीं है हम मध्यम से लंबे समय तक लोगों को राहत देने के लिए योजना बना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों टैक्स लगाती हैं। केंद्र सरकार एक लीटर पर 32 रुपये एक्साइज टैक्स लगती है। लेकिन यह बताना जरूरी है कि इसका उपयोग कहां पर होता है। कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने एक साल में 90 करोड़ से अधिक लोगों को तीन समय का मुफ्त खाना उपलब्ध करवाया।
सौ करोड़ से अधिक लोगों का कुछ दिनों में टीकाकरण होने वाला है। यही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना, शसैचालय बनाना, उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर देना भी इसी के तहत हो रहा है। सरकार अभी तक आठ करोड़ सिलेंडर दे चुकी है। अब एक करोड़ और दे रही है। उन्होंने कहा कि आज दाम कांग्रेस की पूर्व सरकारों के कारण बढ़ रहे हैं। जब कांग्रेस सरकार थी तो उन्होंने पेट्रोल के दाम को कुछ समय के लिए कम करने के लिए आयल बांड खरीदे। यह बीस साल के लिए थे। अब हमारी सरकार इसे चुका रही है।