सीमावर्ती अस्पताल में दो दिन अल्ट्रासाउंड, पांच दिन ताला
दलजीत सिंह आरएसपुरा सीमावर्ती इलाकों में स्थित अस्पतालों में सुविधाओं का बुरा हाल है। आरएसपुरा
दलजीत सिंह, आरएसपुरा
सीमावर्ती इलाकों में स्थित अस्पतालों में सुविधाओं का बुरा हाल है। आरएसपुरा के सरकारी उपजिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो सरकार ने लगा दी, लेकिन इस मशीन को चलाने वाले विशेषज्ञ के लिए पद ही नहीं सृजित किए हैं। ऐसे में मंगलवार और वीरवार को जीएमसी जम्मू से विशेषज्ञ यहा आते हैं, बाकी पाच दिन अल्ट्रासाउंड रूम पर ताला लटका रहता है। ऐसे में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि आरएसपुरा के कई गाव बिल्कुल सीमा से सटे हुए हैं। इन गावों में अक्सर पाकिस्तान गोलाबारी करता रहता है, इसके बावजूद सरकार ने क्षेत्र के इस सबसे बड़े अस्पताल में सभी सुविधाएं नहीं दी हैं। इस अस्पताल पर 200 गावों के लोग इलाज के लिए निर्भर हैं। ऐसे में सरकार को यहा सुविधाएं बढ़नी चाहिए। सीमावर्ती इलाके से अस्पताल आई मरीज निर्मला कुमारी ने बताया कि डाक्टर ने बताया है कि उनके गुर्दे में पथरी है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड करवाना है, लेकिन सरकारी अस्पताल में दो दिन ही यह सुविधा है। ऐसे में उन्होंने निजी सेंटर से अल्ट्रासाउंड करवाया। एक अन्य मरीज मदनलाल ने बताया कि पेट में दर्द होने के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा, लेकिन दो दिन ही सरकारी अस्पताल में यह सुविधा होने से उनको दो सप्ताह बाद का समय मिला है। उनके पास इतना पैसा भी नहीं है कि वे प्राइवेट जाच करवा सकें। प्राइवेट में यह टेस्ट 700 से हजार रुपये में होता है। अल्ट्रासाउंड मशीन है, पद नहीं
बीएमओ डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि उपजिला अस्पताल में स्थायी अल्ट्रासाउंड डाक्टर का पद नहीं है। ऐसे में उन्होंने मरीजों की समस्याओं को देखते हुए विभाग के उच्चाधिकारियों से माग कर सप्ताह में दो दिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू करवाई है। जो भी मरीज यहा आते हैं, उनका अस्पताल में अल्ट्रासाउंड किया जाता है। वहीं, स्थानीय लोगों ने पद सृजित करने की माग की है।