अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत आए और गुलाम कश्मीर गए दोनों किशोरों को अपने-अपने वतन लौटाया
पुंछ जिले में स्थित चक्कन दा बाग स्थित एलओसी पर राह-ए-मिलन गेट को दोनों देशों की सेनाओं की रजामंदी से शुक्रवार दोपहर 1240 बजे खोला गया और दोनों किशोरों को अपने देशों के प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।दोनों अवैध तरीके से सीमा पार कर गए थे
जेएनएन, जम्मू: भारत और पाकिस्तान की सेनाओं की सहमति से उन दो किशोरों को शुक्रवार को अपने-अपने वतन लौटा दिया गया जो पिछले साल अवैध तरीके से सीमा पर कर गए थे। गुलाम कश्मीर पहुंचे भारत के किशोर को इस पार लाया गया और उस पास के किशोर को सम्मान के साथ राह-ए-मिलन गेट खोल कर पीओके भेज दिया गया। दोनों किशोरों के परिवार वाले अपने लाड़ले को वापस लाने का भरपूर प्रयास कर रहे थे। आखिरकार उनका प्रयास रंग लाया। पुंछ जिले में स्थित चक्कन दा बाग स्थित एलओसी पर राह-ए-मिलन गेट को दोनों देशों की सेनाओं की रजामंदी से शुक्रवार दोपहर 12:40 बजे खोला गया और दोनों किशोरों को अपने देशों के प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।
ज्ञात रहे कि दिसंबर में काईया मंधार के रहने वाले पंद्रह वर्षीय मुहम्मद शब्बीर पुत्र मुहम्मद बशीर नियंत्रण रेखा पार कर गुलाम कश्मीर चला गया था। वहीं 31 दिसंबर, 2020 को गुलाम कश्मीर के बांडी अब्बासपुर गुलपुर सेक्टर निवासी चौदह वर्षीय अली हैदर पुत्र मुहम्मद शरीफ नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय इलाके में पहुंच गया था, जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद उसके परिजनों से संपर्क किया।
दोपहर लगभग 12:00 बजे नायब तहसीलदार गुलपुर के नेतृत्व में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीम और सेना के अधिकारी गुलाम कश्मीर के किशोर को लेकर चक्कन दा बाग नियंत्रण रेखा पर पहुंचे। दूसरी तरफ से पाकिस्तान से सहायक कमिश्नर राबलाकोट यासर रियाज पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों सहित भारतीय किशोर को लेकर नियंत्रण रेखा पर पहुंचेे। दोनों देशों केे अधिकारियों द्वारा कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों किशोरों को उपहारों सहित उनके परिवारों को सौंप दिया गया। दोनों के परिवारों ने दोनों तरफ की सेना और प्रशासन के प्रति आभार जताया।